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टीपीएफ की बैठक इन मायनों में अहम, भारत-अमेरिका के बीच इन मुद्दों पर हुई चर्चा

भारतीय कारोबारियों को वीजा में देरी का मुद्दा शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित 14वीं टीपीएफ बैठक के दौरान प्रमुखता से उठाया गया। इसकी सह-अध्यक्षता अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई और भाारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की।

भारत ने अमेरिका के समक्ष वीजा मिलने में देरी का मुद्दा उठाया। / @ashokmalik

भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार नीति मंच (टीपीएफ) की बैठक में घरेलू कारोबारियों को समय पर वीजा मिलने में आ रही दिक्कतों के बारे में अपनी चिंताएं साझा कीं। भारत ने अमेरिका से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है। भारत और अमेरिका E1 और E2 कैटिगरी के माध्यम से व्यापारियों और निवेशकों के लिए आसान वीजा पहुंच पर चर्चा की।

इसके साथ ही भारत ने H1B वीजा धारकों और उनके परिवार के सदस्यों को अमेरिका में ही वीजा रिन्यू करने की अनुमति देने की बात कही, ताकि महज इस काम के लिए उन्हें भारत ने आना पड़े। भारतीय कारोबारियों को वीजा का मुद्दा शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित 14वीं टीपीएफ बैठक के दौरान प्रमुखता से उठाया गया। इसकी सह-अध्यक्षता अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तेई और भाारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि (भारतीय) वाणिज्य विभाग और विदेश मंत्रालय कई मुद्दों पर एक साथ काम कर रहे हैं और अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में 2023 में बहुत अच्छा साल था। गोयल ने वीजा प्रसंस्करण में लगने वाले समय की वजह से भारत से व्यापार संबंधों को पेश आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला और अमेरिका से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया।

एक अधिकारी ने कहा कि भारत ने पहले भी मांग की थी कि अमेरिका अपनी घरेलू कंपनियों को अमेरिकी सरकार की खरीद में भाग लेने की अनुमति दे, क्योंकि इससे निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। भारत ने अमेरिका से इसे व्यापार समझौता अधिनियम-अनुपालन देश के रूप में नामित करने के लिए कहा है।

अधिकारी ने कहा कि टीपीएफ बैठक में भारत के लिए बड़ी बात अमेरिका के जीएसपी (सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली) कार्यक्रम के तहत कुछ भारतीय वस्तुओं के निर्यात लाभ को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर अच्छी प्रगति थी। यदि भारत को टीएए-अनुपालन राष्ट्र के रूप में माना जाता है, तो यह उनकी सार्वजनिक खरीद में माल की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा।

अधिकारी ने कहा कि इससे हमारा निर्यात बढ़ेगा और सुविधा होगी। हालांकि भारत को इसके लिए अमेरिकी कंपनियों को भी पहुंच देनी होगी। यह पारस्परिक है। भारत को उन्हें (अमेरिका) रियायतें भी देनी होंगी। यही हम ब्रिटेन के साथ भी कर रहे हैं। हमने अमरीकी पक्ष से इस पर विचार करने के लिए डिटेल तैयार करने को कहा है। वे हमारी खरीद प्रणाली का भी मूल्यांकन करेंगे।

भारत और अमेरिका एक ऐसी व्यवस्था पर भी विचार कर रहे हैं जहां अमेरिकी कंपनियों के लिए BIS सर्टिफिकेशन को तेजी से ट्रैक किया जाएगा और भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए तेजी से यूएसएफडीए अनुमोदन और जांच की जाएगी।

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