भारतीय पर्यटकों को यूरोप के डेस्टिनेशन खूब लुभाते रहे हैं। उनके पसंदीदा गंतव्यों में लंदन, स्विट्जरलैंड, फ्रांस और इटली जैसे कई देश शामिल हैं। पिछले साल रेल यूरोप से सफर करने वाले भारतीयों की संख्या इतनी ज्यादा रही जितनी 90 साल में कभी नहीं रही।
रेल टिकटिंग कंपनी रेल यूरोप के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी ब्योर्न बेंडर ने एक समाचार पत्र को इंटरव्यू में बताया कि भारत वर्ष 2023 में रेल यूरोप के 90 साल के इतिहास में पहली बार दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन। पहले नंबर पर अमेरिका है।
बेंडर ने बताया कि रेल यूरोप ने पिछले साल यूरोपीय डेस्टिनेशंस के लिए दुनिया भर में लगभग 50 लाख ट्रेन टिकट बेचे जबकि लगभग 5 लाख टिकट भारत में बेचे गए। उन्होंने बताया कि पिछले साल वैश्विक स्तर पर कंपनी के रेवेन्यू में 60 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
बेंडर का कहना है कि भारत हमेशा टॉप-5 या टॉप-6 मार्केट्स में से एक रहा है। लेकिन अब यह दूसरे नंबर पर आ गया है। चीन, जापान और कुछ अन्य देशों में की रफ्तार काफी धीमी रही है। हम उन जगहों पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए स्थानीय टीमों और ट्रैवल एजेंटों के साथ और अधिक निवेश कर रहे हैं।
बेंडर के अनुसार रेल यूरोप से लगभग एक अरब यूरो के टिकट यूरोप के बाहर बेचे जाते हैं। इसमें लगातार इजाफा हो रहा है। हम गैर-यूरोपीय बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखना चाहते हैं और भारत जैसे देशों के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। हमें अगले कुछ वर्षों में भारत से कम से कम 20% सीएजीआर की उम्मीद है।
बेंडर ने कहा कि स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने पिछले साल भारतीय यात्रियों का सफर आसान बनाने के लिए वीजा दिक्कतें दूर करने पर काफी काम किया और संसाधनों में निवेश किया। भारतीयों को स्विट्जरलैंड खूब लुभाता है। भारत से लंदन, फ्रांस और इटली के लिए ट्रेन टिकटों की मांग भी काफी आती है।
रेल यूरोप ने भारत में मेकमाईट्रिप, थॉमस कुक और स्विसटूर्स जैसी कंपनियों से साझेदारी कर रखी है। इसके व्यापारिक भागीदारों में टीबीओ और ओटिला शामिल हैं। ये एसबीबी, यूरोस्टार, ट्रेनीटेलिया, इटालो, एसएनसीबी, यूरेल जैसी 200 से अधिक रेल कंपनियों की सेवाएं मुहैया कराती है।
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