विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को इजराइल और लेबनान के हिजबुल्ला के बीच हुए सीजफायर का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'हम इजराइल और लेबनान के बीच हुए सीजफायर का स्वागत करते हैं। हम हमेशा से तनाव कम करने, संयम बरतने और बातचीत व कूटनीति के रास्ते पर वापस आने का आह्वान करते रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इन घटनाक्रमों से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी।'
इजराइल और लेबनान के हिजबुल्ला के बीच कई महीनों के संघर्ष के बाद सीजफायर हुआ है। ये लड़ाई इजराइल-गाजा संघर्ष से शुरू हुई थीं। लेकिन इस साल सितंबर में लेबनानी आतंकवादी समूह के कई नेताओं के मारे जाने के बाद और बढ़ गई थीं।
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन को सीजफायर समझौते को सुरक्षित करने में उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार, उन्होंने बाइडेन को एक कॉल में बताया कि उन्होंने अमेरिकी नेता की इस समझ की सराहना की कि इजराइल इसे लागू करने में अपनी कार्य करने की स्वतंत्रता बनाए रखेगा।
इजराइल द्वारा समझौते को मंजूरी देने से पहले, नेतन्याहू ने कहा कि सीजफायर की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि लेबनान में क्या होता है। यह संघर्ष विराम इजराइल को हमास पर दबाव तेज करने और 'ईरानी खतरे' पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा। यह सीजफायर समझौता 60 दिनों तक चलेगा। इसके तहत इजराइली सेना और हिजबुल्ला के आतंकवादी दक्षिणी लेबनान से पीछे हट जाएंगे।
मंगलवार रात को घोषित यह समझौता लगभग 14 महीनों की लड़ाई के बाद हुआ है। इसमें अमेरिका और फ्रांस ने मध्यस्थता की है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि यह समझौता संघर्ष का स्थायी अंत प्रदान करने के लिए बनाया गया है। वहीं, इजराइली मंत्रियों ने जोर देकर कहा कि अगर हिजबुल्ला ने युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया तो इजराइल लेबनान पर हमले फिर से शुरू कर देगा।
हालांकि यह समझौता गाजा में हमास के साथ इजराइल के जारी युद्ध को प्रभावित नहीं करता है। लेकिन इससे इजराइल और हिजबुल्ला के बीच लगभग 14 महीनों से चल रही लड़ाई समाप्त हो जाएगी।
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