अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच भारत के एल्युमिनियम निर्यात में भारी गिरावट आने की आशंका है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और सरकारी सूत्रों का कहना है कि ऐसा हुआ तो भारतीय उत्पादकों को यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे अन्य बाजारों की तरफ रुख करना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को सभी स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि वे मंगलवार या बुधवार को डायरेक्ट टैरिफ की नई योजना का ऐलान करेंगे।
इस कदम से भारत के एल्युमिनियम निर्यात को झटका लग सकता है और कंपनियों के मुनाफे पर असर पडे़गा। वेदांता एल्युमिनियम और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज जैसी भारतीय एल्युमिनियम कंपनियां यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया में नए बाजार तलाश सकती हैं, लेकिन अतिरिक्त आपूर्ति को एडजस्ट करने में समय लगेगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज के अतिरिक्त महासचिव बी.के. भाटिया ने कहा कि भारत अमेरिका को प्रमुख एल्युमिनियम निर्यातकों में से एक है और ये टैरिफ हमारे उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि टैरिफ में रियायत के लिए कोई द्विपक्षीय समझौता किया जाना चाहिए।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल्द ही अमेरिका में ट्रंप से मुलाकात होनी है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी अमेरिका को भारत में अपना निर्यात बढ़ाने के लिए अतिरिक्त टैरिफ कटौती की पेशकश कर सकते हैं। इससे दोनों देशों के बीच संभावित व्यापार युद्ध को टाला जा सकता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मार्च 2024 तक अमेरिका को 0.2 मिलियन मीट्रिक टन एल्युमिनियम निर्यात किया था जिसकी कीमत 78.3 अरब रुपये ($894.4 मिलियन) थी।
हालांकि इस नीति से भारतीय स्टील उत्पादकों को बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं है क्योंकि अमेरिका को भारत का स्टील निर्यात अपेक्षाकृत कम है। हालांकि अमेरिकी टैरिफ के चलते अन्य देशों से स्टील कार्गो भारत की तरफ मोड़ा जा सकता है जिससे भारतीय बाजार में स्टील की उपलब्धता बढ़ सकती है।
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