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भारतवंशी कृषि विज्ञानी समरेंदु मोहंती को विश्व खाद्य फाउंडेशन ने दिया ये शीर्ष पुरस्कार

इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (सीआईपी) में एशियाई रीजनल डायरेक्टर समरेंदु मोहंती को आलू के बीज में इनोवेशन के लिए सम्मानित किया गया है।

समरेंदु मोहंती को अंतरराष्ट्रीय विकास एवं ग्रामीण आजीविका में विशेषज्ञता हासिल है। / Image – Worldfoodprize.org

भारतीय-अमेरिकी कृषि अर्थशास्त्री समरेंदु मोहंती को विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन की तरफ से टॉप एग्री फूड पायनियर (टीएपी) नामित किया गया है।

इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (सीआईपी) में एशियाई रीजनल डायरेक्टर मोहंती को आलू के बीज में इनोवेशन के लिए सम्मानित किया गया है। वह फूड सिस्टम में बदलाव लाने वाले 38 वैश्विक इनोवेटर्स में से एक हैं, जिन्हें मान्यता प्रदान की गई है।

मोहंती को अंतरराष्ट्रीय विकास एवं ग्रामीण आजीविका में विशेषज्ञता हासिल है। उनके कार्य का फोकस विकासशील देशों में कृषि उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा और गरीबी घटाने पर है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों व अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से उनके शोध ने कृषि प्रणालियों को विस्तार देने और छोटे किसानों की आजीविका में सुधार में काफी मदद की है।

मोहंती का काम स्थायी कृषि विकास एवं गरीबी उन्मूलन के लिए कृषि परंपराओं, नीतियों और बाजार की गतिशीलता का विश्लेषण करके विशेष रणनीति तैयार करने से संबंधित है। ग्रामीण समुदायों और कृषि नीतियों पर उनका प्रभाव दर्शाता है कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा में उनकी नीतियों से कितना परिवर्तन आया है।

मोहंती ने कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन द्वारा 2024 के शीर्ष कृषि खाद्य पायनियर के रूप में मुझे नामित किया गया है। यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, सीजीआईएआर और द राइस ट्रेडर के समर्थन के बिना संभव नहीं हो पाती। मेरी सफलता में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, इसके लिए उनका धन्यवाद।

मोहंती ने नेब्रास्का के लिंकन विश्वविद्यालय से कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। बैंगलोर के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय से एग्री मार्केटिंग एंड कोऑपरेशन में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने लिंकन यूनिवर्सिटी से ही कृषि अर्थशास्त्र में एमएस कर रखा है।

मोहंती के अलावा दो अन्य भारतीय पवन कुमार और विजय सिंह मीणा को भी विजेताओं की सूची में शामिल किया गया है। पवन सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के प्रमुख विशेषज्ञ हैं जो फसल पैदावार, मिट्टी और संसाधन प्रबंधन में सुधार पर फोकस कर रहे हैं। 

विजय सिंह मीणा आईसीएआर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। उनका शोध टिकाऊ कृषि तकनीकों और बेहतर जल प्रबंधन के माध्यम से फसल उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है।

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