भारतीय-अमेरिकी अरबपति विनोद खोसला ने हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और ट्रम्प समर्थकों के सामने कई विचारोत्तेजक प्रश्न रखे। उन्होंने सवाल किया कि क्या वे अपने बच्चों को रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के दावेदार ट्रम्प के जैसा बनाना चाहेंगे।
खोसला ने एक X पोस्ट में कहा- कुछ सवाल मैं खुद से पूछता रहता हूं। क्या उनके समर्थक चाहेंगे कि उनके बच्चे ट्रम्प जैसे बनें और उनमें वैसे ही मूल्य हों? क्या आप चाहते हैं कि आपके बच्चे उनके जैसे बनें? रिपब्लिकन और डेमोक्रेट प्राथमिकताओं पर असहमत हो सकते हैं।
The question I keep asking myself is would his supporters want their own kids to be like @realDonaldTrump and have #Trumpvalues? Do you want your kids to be like him? Republicans and Democrats can disagree on priorities but its Democrats, Republicans and #DONkeyRumpTrump hijack… https://t.co/KXQS6yIMQd
— Vinod Khosla (@vkhosla) May 11, 2024
सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक खोसला ने अपने सिलिकॉन वैली निवास पर राष्ट्रपति बाइडन के लिए धन संचयन की मेजबानी करने के तुरंत बाद अपनी भावनाएं साझा कीं। 6,600 से 100,000 डॉलर तक के टिकटों वाले इस आयोजन ने बाइडन के अभियान के समर्थन में कुल 15 लाख डॉलर जुटाए। यह आयोजन 2024 के चुनाव चक्र के दौरान एक भारतीय-अमेरिकी द्वारा आयोजित पहले धन संचय के रूप में देखा जा रहा है जिसमें राष्ट्रपति बाइडन ने हिस्सा लिया।
बाइडन ने अपने 16 मिनट के संबोधन में कहा कि इस बात पर डींगें हांकने के बाद कि रो बनाम वेड को पलटने का कारण वह (ट्रम्प) हैं, अब वह चिंतित हैं कि मतदाता इसे याद रखेंगे और जो क्रूरता और अराजकता पैदा की गई है उसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराएंगे। बाइडन ने कहा कि मतदाता ट्रम्प को जवाबदेह ठहराने जा रहे हैं। धन संचयन के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की कई बार खिल्ली उड़ाई।
गर्भपात पर ट्रम्प की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए बाइडन ने कहा कि इस सप्ताह की टाइम पत्रिका के फ्रंट कवर पर एक नज़र डालें। इसमें ट्रम्प के साथ लंबा साक्षात्कार है। उनका कहना है कि राज्यों को महिलाओं की गर्भावस्था की निगरानी करनी चाहिए, गर्भपात प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा चलाना चाहिए। महिलाओं की गर्भावस्था की निगरानी करें (यह कैसी बात है) ? मगर इस तरह की अराजकता ट्रम्प के लिए कोई नई बात नहीं है। उनका पूरा कार्यकाल ही अराजक था।
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