अमेरिका में भारतीय मूल के एक दंपती को अपने ही एक रिश्तेदार से जबरन काम कराने, धमकाने और दुर्व्यवहार करने का दोषी पाया गया है। वर्जीनिया की फेडरल कोर्ट ने 30 वर्षीय हरमनप्रीत सिंह और 43 वर्षीय कुलबीर कौर को सजा सुनाने के लिए 8 मई की तारीख तय की है।
दंपती को अधिकतम 20 साल की जेल और 250,000 डॉलर तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। उन्हें पांच साल तक की निगरानी रिहाई में रखा जा सकता है और जबरन मजदूरी कराने के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया जा सकता है।
दंपती पर आरोप है कि वह हरमनप्रीत के चचेरे भाई को 2018 में अमेरिका में अच्छी पढ़ाई और सुनहरे ख्वाब दिखाकर अपने साथ ले आए। उस समय भाई नाबालिग था। लेकिन अमेरिका आने के बाद उससे जबरन अपने गैस स्टेशन और स्टोर पर कैशियर का काम करवाया, स्टोर के रिकॉर्ड मैनेज कराए और खाना तक बनवाया। उसका शारीरिक मानसिक शोषण और उत्पीड़न किया।
न्याय विभाग के अनुसार, दंपती ने पीड़ित के भरोसे को तोड़ा और अमेरिका में पढ़ाई करने की इच्छा का नाजायज फायदा उठाया। दंपती ने उसके आव्रजन दस्तावेज जब्त कर लिए और बल प्रयोग करते हुए गंभीर नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हुए अपमानजनक स्थिति रहने पर मजबूर किया।
एबर ने कहा, "जबरन श्रम और मानव तस्करी घृणित अपराध हैं जिनका हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है, और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अभियोजकों, एजेंटों और सहायक कर्मचारियों की हमारी टीम का आभारी हूं कि इस मामले में न्याय हुआ।"
दंपती ने कई मौकों पर पीड़ित को बैक ऑफिस में सोने पर मजबूर किया। उसे पूरा खाना नहीं दिया। मेडिकल देखभाल से वंचित रखा। पढ़ाई भी नहीं करवाई और स्टोर व दुकान में निगरानी उपकरणों के जरिए उसकी निगरानी की। वह भारत लौटना चाहता था, लेकिन उसे वापस नहीं जाने दिया गया और वीज़ा अवधि खत्म होने के बावजूद उसे रोका।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, पीड़ित ने जब अपने आव्रजन दस्तावेज वापस मांगे और जाने की कोशिश की तो हरमनप्रीत सिंह ने उसके बाल खींचे, थप्पड़ और लात मारी। एक दिन की छुट्टी लेने की कोशिश करने पर रिवॉल्वर से धमकाया।
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