शिकागो के एक भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर मुनीश कुमार रायजादा ने भारत में राजनीतिक सुधार के लिए काम करने में एक उल्लेखनीय बदलाव किया है। न्यू इंडिया अब्रॉड के साथ एक विशेष साक्षात्कार में नियोनेटोलॉजिस्ट से नेता बने रायजादा ने बताया कि उन्होंने एक सुधारात्मक एजेंडे की रूपरेखा तैयार की है। उनका ध्यान 2025 के दिल्ली चुनावों से पहले स्वच्छ शासन, जवाबदेही और सतत विकास पर है। डॉ. रायजादा नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
डॉ. रायजादा पहली बार 2012 में अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीति से जुड़े। अन्ना के आंदोलन ने पूरे भारत और विदेशों में लोगों को प्रेरित किया। अमेरिका में बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करते हुए रायजादा ने 2014 में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए पहला अमेरिकी सम्मेलन आयोजित करने में मदद की। उन्होंने साझा किया कि मुझे हमेशा से इस बात में दिलचस्पी रही है कि अच्छी नीतियां शासन को कैसे बेहतर बना सकती हैं। अन्ना आंदोलन ने आशा दी कि भ्रष्टाचार से निपटा जा सकता है और परिवर्तन संभव है।
2013 में वह अमेरिका में अपना सफल करियर छोड़कर भारत लौट गये और AAP (आम आदमी पार्टी) में शामिल हो गए। वह पार्टी की शुरुआती सफलता का हिस्सा थे, जिसमें 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में शानदार जीत भी शामिल थी। हालांकि समय के साथ डॉ. रायजादा इस बात से नाखुश हो गए कि पार्टी पारदर्शिता और आंतरिक लोकतंत्र को कैसे संभाल रही है। वे कहते हैं. 'मैंने देखा कि पार्टी अपने मूल मूल्यों से दूर जा रही है, जो निराशाजनक है।'
2020 तक इस बात से बेचैन होकर कि वह भारतीय लोकतंत्र में कैसे योगदान दे सकते हैं डॉ. रायजादा भारतीय लिबरल पार्टी में शामिल हो गए। बाद में उन्हें संस्थापक रमेश गुप्ता के स्थान पर इसका अध्यक्ष चुना गया। उनका मानना है कि लोकतंत्र एक सतत प्रक्रिया है। यदि आप वर्गों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को उन्नत नहीं करते तो वह पुराना हो जाएगा या काम पूरा नहीं करेगा?
जैसे-जैसे 2025 के दिल्ली चुनाव नजदीक आ रहे हैं डॉ. रायजादा बेहतर प्रशासन और राजनीति में नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वे कहते हैं कि मेरे लिए राजनीति सत्ता के लिए नहीं है। यह लोगों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाने और लोकतंत्र में विश्वास बहाल करने के लिए है।
शिकागो में वर्षों के बाद 14 महीने पहले भारत लौटने पर उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय लिबरल पार्टी का लक्ष्य पारदर्शी फंडिंग, लोकतांत्रिक उम्मीदवार चयन और भ्रष्टाचार के प्रति शून्य-सहिष्णुता दृष्टिकोण जैसे कार्यों के माध्यम से विश्वास का पुनर्निर्माण करना है।
डॉ. रायजादा ने प्रदूषण, यातायात और यमुना नदी की उपेक्षा जैसे मुद्दों का हवाला देते हुए दिल्ली के शासन में प्रणालीगत विफलताओं का वर्णन किया। उन्होंने विकेंद्रीकरण, सतत शहरी विकास और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए संवैधानिक उदारवाद में निहित एक शासन मॉडल का प्रस्ताव रखा।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर डॉ. रायजादा ने भारत के संसाधन-संकट वाले सामाजिक मॉडल की तुलना अमेरिका में निजीकृत प्रणाली से की। उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बजट आवंटन में वृद्धि और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की वकालत की।
अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए उन्होंने समस्या-समाधान के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया और शासन की चुनौतियों की तुलना बीमारियों के निदान और उपचार से की।
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