भारतीय प्रतिभा आज हर क्षेत्र में अपना जलवा बिखेर रही है। समाज जीवन का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। ऐसी ही एक प्रतिभा का नाम है भारतीय मूल के अमेरिकी इंजीनियर और प्रोफेसर अशोक वीरराघवन । उन्हें टेक्सास के सर्वोच्च शैक्षणिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। उन्हें इंजीनियरिंग में एडिथ और पीटर ओ'डोनेल के लिए यह पुरस्कार मिला है।
वीरराघवन मूल रूप से तमिलनाडु में चेन्नई के रहने वाले हैं। इस पुरस्कार को हासिल करने के बाद वीरराघवन ने कहा कि मुझे इसे प्राप्त करके खुशी हुई है। यह कई छात्रों, पोस्टडॉक और अनुसंधान वैज्ञानिकों के अद्भुत और अभिनव शोध की मान्यता है, जो कम्प्यूटेशनल क्षेत्र में हैं।
वीरराघवन की तकनीक लैब इमेजिंग चुनौतियों से निपटने के लिए ऑप्टिक्स और सेंसर डिजाइन से लेकर मशीन लर्निंग प्रोसेसिंग एल्गोरिदम तक इमेजिंग प्रक्रियाओं पर शोध करती है, जो वर्तमान प्रौद्योगिकियों की पहुंच से परे हैं। वीरराघवन का कहना है कि आजकल ज्यादातर इमेजिंग सिस्टम इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि इन तीनों चीजों को एक साथ ध्यान में नहीं रखा जाता है, उन्हें अलग-अलग डिजाइन किया जाता है।
यह पुरस्कार हर साल मेडिसिन, इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल साइंस, फिजिकल साइंस और टेक्नोलॉजी इनोवेशन में काम करने वालों को दिया जाता है। टेक्सास एकेडमी ऑफ मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी (TAMEST), राज्य में उभरते शोधकर्ताओं को यह पुरस्कार देता है।
TAMEST ने कहा कि अशोक राइस यूनिवर्सिटी में जॉर्ज आर. ब्राउन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। उनकी इमेजिंग तकनीक अदृश्य को विजिवल बनाने का प्रयास करती है। TAMEST की ओर से बताया गया है कि यह पुरस्कार वीरराघवन की क्रांतिकारी इमेजिंग तकनीक को मान्यता देती है।
वीरराघवन का रिसर्च इमेजिंग सिनेरियो के लिए समाधान प्रदान करना चाहता है जहां भाग लेने वाले मीडिया में प्रकाश के बिखरने के कारण विज़ुअलाइज़ेशन टारगेट वर्तमान इमेजिंग तकनीकों के लिए आसान नहीं है।
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