फार्मास्युटिकल विज्ञापन कंपनी आउटकम हेल्थ के सह-संस्थापक ऋषि शाह को 26 जून को संघीय अदालत में 7.5 साल की सजा सुनाई गई। शाह को पिछले साल साथी पूर्व अधिकारियों श्रद्धा अग्रवाल और ब्रैड पर्डी के साथ धोखाधड़ी के कई मामलों में दोषी ठहराया गया था।
कोर्टहाउस समाचार सेवा के अनुसार अमेरिकी जिला न्यायाधीश थॉमस डर्किन ने शाह के स्वच्छ आपराधिक इतिहास और अपने छोटे बेटे के प्रति उनके प्यार को ध्यान में तो रखा लेकिन शाह के लालच और हैसियत पाने की हसरत की निंदा की। डर्किन ने कहा कि वह लालच से प्रेरित था और कुछ बड़ा करना चाहता था। संघीय अभियोजक काइल हैंकी ने भी शाह को 'सबसे दोषी प्रतिवादी' और धोखाधड़ी का प्राथमिक आयोजक बताया।
वर्ष 2006 में शाह और अग्रवाल द्वारा कॉन्टेक्स्टमीडिया एलएलसी के रूप में स्थापित आउटकम हेल्थ ने डॉक्टरों के कार्यालयों में स्क्रीन पर दवाओं का विज्ञापन किया। कंपनी फली-फूली और 2017 तक इसका मूल्य 5 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया। उसी वर्ष गोल्डमैन साक्स और Google सहयोगी CapitalG सहित प्रमुख निवेशकों ने कंपनी में 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
मगर अक्टूबर 2017 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक लेख ने संभावित धोखाधड़ी का खुलासा कर दिया। इसके बाद संघीय जांच शुरू हो गई। 2019 में शाह, अग्रवाल और पर्डी पर निवेशकों, ऋणदाताओं और ग्राहकों के खिलाफ लगभग 1 अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया था। अभियोजकों ने आरोप लगाया कि आउटकम हेल्थ ने विज्ञापन पर कम वितरण किया लेकिन फिर भी विसंगति को छुपाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी करते हुए ग्राहकों से पूरा शुल्क लिया।
हालांकि शाह के बचाव में कंपनी के पूर्व उपाध्यक्ष (सेल्स) आशिक देसाई पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया लेकिन जूरी ने अप्रैल 2023 में शाह को 19 मामलों में, अग्रवाल को 15 मामलों में और पर्डी को 13 मामलों में दोषी पाया।
अब शाह के वकील रिचर्ड फिनरैन पिछले साल के फैसले और 26 जून को मिली सजा के खिलाफ ऊपरी अदालत जाने की योजना बना रहे हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login