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हार्वर्ड में भारतवंशी स्टूडेंट ने मंच से कर दी मैनेजमेंट की खिंचाई, हर कोई हैरान

श्रुति कुमार इंग्लिश कमेंसमेंट इवेंट में मंच पर 'द पावर ऑफ नॉट नोइंग' टॉपिक पर स्पीच देने पहुची थीं। लोग उन्हें सुन रहे थे, तभी उन्होंने गाउन से एक पर्चा निकाला और जोर से चिल्लाईं-हार्वर्ड, क्या आप हमें सुन रहे हैं?

भारतीय-अमेरिकी स्टूडेंट श्रुति कुमार ने हार्वर्ड के मंच से अधिकारों की आवाज उठाई। / Image : Shruthi Kumar's website

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की भारतीय-अमेरिकी स्टूडेंट श्रुति कुमार ने हाल ही में कमेंसमेंट डे स्पीच के दौरान कुछ ऐसा कर दिया कि देखने वाले दंग रह गए। उन्होंने अपने कुछ साथियों के डिप्लोमा होल्ड करने के लिए इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट की खुलेआम खिंचाई कर दी। समारोह में मौजूद छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया और स्टैंडिंग ओवेशन दिया। 

हार्वर्ड के स्टू़डें न्यूज पोर्टल द क्रिमसन के अनुसार, श्रुति को इंग्लिश कमेंसमेंट इवेंट में 'द पावर ऑफ नॉट नोइंग' टॉपिक पर स्पीच देनी थी। उन्होंने मंच पर पहुंचकर अपना भाषण शुरू कर दिया। लोग गंभीरता से उन्हें सुन रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी गाउन से एक पर्चा निकाला और उसे पढ़ते हुए जोर से चिल्लाईं- मैं कैंपस में अभिव्यक्ति की आजादी और सविनय अवज्ञा के अधिकार के प्रति सहनशीलता न दिखाने से बेहद निराश हूं। छात्रों ने अपनी बात रखी थी। फैकल्टी ने भी अपनी बात कही थी। लेकिन फिर क्या हुआ। श्रुति ने जोर से चिल्लाते हुए कहा- हार्वर्ड, क्या आप हमें सुन रहे हैं?'

क्रिमसन के मुताबिक, ये घटना ऐसे समय हुई, जब फिलिस्तीन समर्थक 13 छात्रों पर बैन के फैसले के बाद कैंपस में असंतोष की लहर के बीच 1,000 से अधिक छात्रों ने हार्वर्ड के कमेंसमेंट डे का बायकॉट कर दिया था और बाहर चले गए थे। क्रिमसन का दावा है कि श्रुति ने मंच से जो कुछ कहा, वह उनकी पहले से तय स्पीच में शामिल नहीं था। उन्होंने अचानक ये बातें बोली थीं।

श्रुति कुमार के बारे में बताएं तो उनका लिंक्डइन प्रोफाइल कहता है कि वह एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं। वह हार्वर्ड में दक्षिण एशियाई छात्रों के संगठन की अध्यक्ष हैं। साथ ही कैंपस में एक वेलनेस एजुकेशन प्रोग्राम की सह-निदेशक भी हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि श्रुति कुमार की इस हरकत से पहले हार्वर्ड के अंतरिम प्रेसिडेंट एलन एम. गार्बर ने समारोह की शुरुआत में ही आगाह किया था कि कुछ स्टूडेंट दुनिया में हो रही कई घटनाओं पर ध्यान आकर्षित करने के लिए कोई हैरतअंगेज कदम उठा सकते हैं। उनका कहना था कि वैसे तो ऐसा करना उनका अधिकार है। लेकिन समुदाय के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारी है और समारोह में उन्हें इसका भी ध्यान रखना चाहिए। 

स्टूडेंट न्यूज पोर्टल के अनुसार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने किसी अवांछित घटना से बचने के लिए ग्रेजुएट डे प्रोग्राम का शेड्यूल तक बदल दिया था। परंपरा से हटते हुए गवर्निंग बोर्ड के सदस्यों को यार्ड के जरिए नहीं लाया गया था। हालांकि फिर भी समारोह में श्रुति सबका ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहीं। 

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