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इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट का 2025 के चुनावों में सात दक्षिण एशियाई उम्मीदवारों को समर्थन

इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड ने 2025 के अमेरिकी चुनावों में सात उम्मीदवारों का समर्थन किया है, जिनमें से अधिकतर दक्षिण एशियाई मूल के हैं। ये उम्मीदवार विभिन्न राज्यों में स्थानीय और राज्य स्तर के चुनाव लड़ रहे हैं। शिक्षा, आर्थिक विकास और समुदाय की भलाई जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं।

इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड के समर्थित उम्मीदवार। / Facebook

इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट फंड ने 2025 के चुनावों के लिए नए उम्मीदवारों का समर्थन किया है। इस बार सात में से पांच उम्मीदवार भारतीय मूल के हैं। इनका बैकग्राउंड पब्लिक सर्विस, एजुकेशन और लोकल गवर्नेंस में है। फंड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर चिंतन पटेल ने कहा, 'देशभर में इस साल हो रहे लोकल और स्टेट लेवल के चुनाव सिर्फ हमारे भविष्य को ही नहीं, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को भी बहुत गहराई से प्रभावित करेंगे।'

 उन्होंने आगे कहा, 'सातों उम्मीदवार जिनका हम समर्थन कर रहे हैं, वो आगे बढ़कर लीडरशिप दिखा रहे हैं, आवाज उठा रहे हैं और ऐसी पॉलिसियां बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिनका सीधा असर हमारे स्कूलों, हमारे मोहल्लों और हमारे परिवारों पर पड़ेगा।'

इस लिस्ट में होबोकेन, न्यू जर्सी की मेयर पद की उम्मीदवार दीनी अजमानी भी शामिल हैं। भारत में एक वेल्डर और गृहिणी के घर में जन्मीं अजमानी की कहानी जज्बे और लगन की दास्तां है। स्टैनफोर्ड से एमबीए करने वाली दीनी ने वॉल स्ट्रीट पर काम किया और ऊंचाइयों को छुआ। इसके साथ ही अपने परिवार का भी ख्याल रखा। वो होबोकेन में इकॉनॉमिक ग्रोथ और बेहतर पब्लिक सर्विसेज पर फोकस कर रही हैं।

रोचेस्टर, न्यू यॉर्क के मेयर पद के भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार शशि सिन्हा ने अपनी जिंदगी को अमेरिकन ड्रीम की मिसाल बताया। उन्होंने कहा, 'चौदह साल पहले, मेरी पत्नी और मैंने रोचेस्टर को अपना घर चुना... लेकिन अमेरिकन ड्रीम तभी मुमकिन है जब जरूरी चीजें - स्टेबल हाउसिंग, अच्छी एजुकेशन और एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध हों।' उन्होंने इक्विटेबल डेवलपमेंट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

न्यू जर्सी स्टेट हाउस डिस्ट्रिक्ट 7 के उम्मीदवार और पब्लिक स्कूल के शिक्षक बलवीर सिंह के लिए प्रतिनिधित्व बहुत अहम है। पंजाब से आकर अमेरिका में बसने वाले बलवीर राज्य के पहले सिख विधायक हैं। गणित शिक्षा में करियर बनाने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उनका ध्यान शिक्षा नीति और आर्थिक अवसरों पर है।

इलिनॉय में नेपरविले पार्क डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर पद की उम्मीदवार ऐश्वर्या बालकृष्णन का बैकग्राउंड पब्लिक हेल्थ में है। उन्होंने कहा, 'भारतीय-अमेरिकी अप्रवासियों की बेटी होने के नाते मैंने अपने पूरे करियर में मेहनत, समावेश और सेवा के मूल्यों को अपनाया है।' उन्होंने समुदाय की भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

न्यू यॉर्क में वेस्टचेस्टर काउंटी लेजिस्लेटर पद के उम्मीदवार अनंत नांबियार के पास वित्तीय नेतृत्व और स्थानीय प्रशासन का लंबा अनुभव है। मामारोनेक स्कूल बोर्ड के पूर्व सदस्य और टाउन काउंसिल के अधिकारी रह चुके अनंत, राजकोषीय जिम्मेदारी और बुनियादी ढांचे के विकास की वकालत करते हैं। 

दक्षिण एशियाई प्रतिनिधित्व का विस्तार

सिर्फ भारतीय मूल के उम्मीदवार ही नहीं, इम्पैक्ट ने जर्सी सिटी के मेयर पद के पाकिस्तानी मूल के उम्मीदवार मुस्साब अली का भी समर्थन किया है। बोर्ड ऑफ एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष और एजुकेशन नॉन-प्रॉफिट के संस्थापक मुस्साब ने 20 साल की उम्र में जर्सी सिटी के सबसे कम उम्र के निर्वाचित अधिकारी बनकर इतिहास रचा था। पाकिस्तान से आए उनके माता-पिता के बेटे मुस्साब ने हाउसिंग इनइक्वेलिटी और स्कूलों में लीड कंटामिनेशन को प्राथमिकता दी है।

ओहायो में डबलिन सिटी काउंसिल के लिए चुनाव लड़ रही बांग्लादेशी-अमेरिकी वकील अजमेरी हक एक छोटे व्यवसाय की मालिक और पूर्व अभियोजक भी हैं। वह लंबे समय से कानूनी वकालत और दक्षिण एशियाई सामुदायिक संगठनों से जुड़ी हुई हैं।

एक बढ़ती हुई राजनीतिक शक्ति

ये समर्थन इम्पैक्ट के पिछले समर्थन के बाद आए हैं, जिसमें कन्नन श्रीनिवासन और जे जे सिंह शामिल हैं।इन्होंने इस साल के शुरू में वर्जीनिया के विधानसभा चुनाव जीते थे। साथ ही गजाला हाशमी भी हैं, जो वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए चुनाव लड़ रही हैं। 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से इम्पैक्ट ने 198 उम्मीदवारों का समर्थन किया है और दक्षिण एशियाई राजनीतिक जुड़ाव के लिए 20 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं। 

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