न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकी जज ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को बड़ा झटका दिया है। जस्टिस अनिल सिंह की अपीलीय कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में ट्रम्प पर फ्रॉड मामले में लगाई गई 454 मिलियन डॉलर के जुर्माने की वसूली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
डोनाल्ड ट्रम्प को यह झटका ऐसे समय लगा है, जब वह आगामी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियों में जोरशोर से जुटे हुए हैं। इस फैसले के बाद ट्रम्प को एक महीने के अंदर इतनी बड़ी रकम का या तो भुगतान करना होगा या फिर बॉन्ड के जरिए उसे सिक्योर करना होगा।
मिड लेवल अपीलीय कोर्ट के जज जस्टिस अनिल सिंह ने हालांकि ट्रम्प को थोड़ी राहत भी दी है। उन्होंने जस्टिस आर्थर एन्गोरोन के 16 फरवरी के फैसले के उस हिस्से पर रोक लगा दी है, जिसमें ट्रम्प, उनकी कंपनी और सह प्रतिवादियों को न्यूयॉर्क के वित्तीय संस्थानों से रकम उधार लेने से रोक दिया गया था। ट्रम्प की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि उधार लेने पर रोक की वजह से उनके लिए बॉन्ड पेश करना असंभव हो गया है।
ट्रम्प ने कोर्ट के सामने 100 मिलियन डॉलर का बॉन्ड पेश करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन जज अनिल सिंह ने उनकी ये मांग स्वीकार नहीं की। अब ट्रम्प को 25 मार्च से पहले ये बॉन्ड दाखिल करने होंगे। पूर्व राष्ट्रपति की तरफ से ये भी कहा गया था कि जुर्माने की रकम में रोजाना 112000 डॉलर की बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि मूल रकम पर ब्याज भी लगाई गई है।
ट्रम्प के वकील की तरफ से दलील दी गई थी कि अगर उन्हें बॉन्ड की रकम जुटाने की इजाजत नहीं मिली तो जुर्माने की रकम चुकाने के लिए उन्हें अपनी संपत्ति गिरवी रखनी होगी और फिर उसे वापस हासिल करना संभव नहीं होगा। उधर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल ने ट्रम्प की पेशकश का विरोध करते हुए कहा कि उनके वकीलों ने खुद माना है कि उनके पास पूरा जुर्माना अदा करने के लिए पर्याप्त संपत्ति है।
राज्य के ट्रायल कोर्ट में अपीलीय डिवीजन के जज अनिल सिंह ने बुधवार को आपातकालीन सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। हालांकि उनका यह आदेश अस्थायी है। पांच जजों का अपीलीय पैनल ट्रम्प के अनुरोध पर विचार करेगा। जब तक ट्रम्प को इस आदेश पर स्टे नहीं मिल जाता, उनकी सपंत्तियों को जब्त करने का खतरा बना रहेगा।
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