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गाजा सीजफायर का भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने किया स्वागत, जंग में 47 हजार से ज्यादा ने गंवाई जान

अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता के चलते गाजा सीजफायर मुमकिन हो पाया है। भारतीय अमेरिकी सांसदों ने युद्धविराम का स्वागत किया है।

भारतीय अमेरिकी सांसदों ने गाजा सीजफायर का स्वागत किया /

इजरायल और हमास आतंकियों के बीच युद्ध 15 महीने से अधिक समय से बाद सीजफायर बाद रुक गई। अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता के चलते यह मुमकिन हो पाया है। इस भीषण जंग में अकेले गाजा से करीब 47 हजार लोगों ने जान गंवा दी। वहीं, इजरायल की तरफ से 1200 से अधिक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। गाजा में युद्धविराम समझौते की घोषणा के बाद भारतीय अमेरिकी सांसदों ने आशा व्यक्त की है कि यह जंग अब समाप्ति की ओर है। 

क़तर, मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका की गहन बातचीत के माध्यम से हुए इस समझौते में चरणबद्ध दृष्टिकोण शामिल है। सीजफायर आधिकारिक रूप से 19 जनवरी से शुरू होगा। युद्धविराम की शर्तों के मुताबिक, हमास को कम से कम 33 इजरायली बंधकों को रिहा करना होगा, इसमें कुछ बंधकों के शव भी शामिल हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमास द्वारा छोड़े जाने वाले बंधकों में कितने जिंदा और कितने मृतक शामिल हैं। इसके जवाब में इजरायल 1,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।

इजरायल और हमास युद्धविराम का भारतीय अमेरिकी सांसदों ने स्वागत किया है। प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने युद्धविराम का स्वागत करते हुए इसे "जीवन बचाने और एक वर्ष से अधिक के गहरे दर्द और पीड़ा को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम" बताया। अपने बयान में, उन्होंने हजारों फिलिस्तीनी लोगों की जान जाने और गाजा में मानवीय सहायता की तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हुए संघर्ष में मरने वालों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अमेरिका, मिस्र और कतर के वार्ताकारों की उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा की।

कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए युद्धविराम की क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमें सभी बंधकों की वापसी और गाजा में मानवीय राहत के प्रावधान को सुनिश्चित करने के लिए इस प्रगति पर आगे बढ़ना चाहिए।" उन्होंने टू स्टेट समाधान की वकालत करते हुए कहा, जो इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों के लिए सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित करता है।

सांसद श्री थानेदार ने युद्ध विराम को शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए इसके प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने समझौते को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका के लिए राष्ट्रपति बाइडेन और सचिव ब्लिंकन की सराहना की और एक दीर्घकालिक शांति समझौते की आशा व्यक्त की जिसके परिणामस्वरूप दो-राज्य समाधान हो सकता है।

कांग्रेसी अमी बेरा ने इन भावनाओं को दोहराया, युद्धविराम को एक महत्वपूर्ण विकास बताया जो बंधकों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाएगा और फिलिस्तीनी नागरिकों को बहुत आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। बेरा ने हमास को निरस्त्र करने और क्षेत्र में स्थायी शांति कायम करने के लिए प्रयास जारी रखने का आग्रह किया।

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