आदमी कितनी भी चालाकी दिखाए, कहीं न कहीं गलती कर ही बैठता है। ऐसे ही एक शख्स हैं जयप्रकाश गुलवाडी (51)। वह अमेरिका के फ्लोरिडा का रहने वाले हैं। गुलवाडी को अमेरिका में नागरिकता पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का दोषी पाया गया है। अब उन्हें अधिकतम 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। साथ ही उनकी अमेरिकी नागरिकता भी समाप्त हो जाएगी।
अमेरिका के आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन विभाग ने कहा है कि जयप्रकाश ने फर्जी दस्तावेजों और झूठ बोलने के आधार पर अमेरिकी नागरिकता हासिल करने का गुनाह कबूल कर लिया है।होमलैंड सिक्योरिटी ने जांच के दौरान पाया कि गुलवाडी ने गैरकानूनी तरीके से सबूतों का गलत इस्तेमाल कर अमेरिकी नागरिकता हासिल की थी। साथ ही उन्होंने फर्जी दस्तावेजों से और झूठ बोलकर अपना पासपोर्ट बनवाया था। सजा की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
गुलवाडी 2001 में एक अस्थायी व्यापार वीजा पर अमेरिका आए थे। यहां उन्होंने एक अमेरिकी महिला से शादी कर ली। अगस्त 2008 में पत्नी को तलाक दिया और तलाक देने के दो हफ्ते से भी कम समय में एक अन्य अमेरिकी महिला से शादी कर ली। इस शादी के आधार पर वह साल 2009 में कानूनी रूप से अमेरिका के स्थायी नागरिक बन गए।
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में 2001 में आने के बाद पहली बार अगस्त 2009 में भारत गए। भारत में रहते हुए उन्होंने एक भारतीय महिला से शादी कर ली। बाद में वह भारत की यात्रा करते रहे। गुलवाडी की भारतीय पत्नी ने जनवरी 2011 में एक बच्चे को जन्म दिया। ICE का कहना है कि अगस्त 2013 में गुलवाडी की अपनी अमेरिकी पत्नी से शादी टूट गई थी।
इसके बाद उसी साल गुलवाडी ने नैचुरलाइजेशन प्रक्रिया के तहत फिर से अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन किया। इसमें बताया कि वह शादीशुदा नहीं है और न ही उसने एक ही समय पर एक से ज्यादा महिलाओं से शादी की है। इस आवेदन के आधार पर गुलवाडी अगस्त 2014 में अमेरिकी नागरिक बन गया।
आईसीई ने कहा कि अमेरिकी नागरिकता के सबूत के तौर पर धोखाधड़ी से हासिल किए गए नैचुरलाइजेशन सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करते हुए गुलवाडी ने अमेरिकी पासपोर्ट के लिए आवेदन किया और गलती से अपनी भारतीय पत्नी का जिक्र कर दिया। इसके बाद जांच में वह पकड़ गया। अब जल्द ही उसे सजा का एलान हो सकता है। विदेश विभाग ने जयप्रकाश को एक अमेरिकी पासपोर्ट जारी किया, इसका इस्तेमाल उसने तीन मौकों पर अमेरिका में फिर से प्रवेश करने के लिए किया।
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