भारतीय अमेरिकी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बंतवाल जयंत बालीगा को इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (Insulated Gate Bipolar Transistor, IGBT) के अपने अभूतपूर्व आविष्कार के लिए 2024 का मिलेनियम टेक्नोलॉजी पुरस्कार दिया गया है। जयंत के इस आविष्कार ने वैश्विक स्तर पर ऊर्जा दक्षता में क्रांति ला दी है।
यह पुरस्कार $1 मिलियन अमेरिकी डॉलर (€1 मिलियन) के पुरस्कार के साथ आता है। यह प्रौद्योगिकी अकादमी फिनलैंड द्वारा ऐसे काम को पहचानने के लिए दिया जाता है जो मानव कल्याण, जैव विविधता और व्यापक स्थिरता में सुधार करता है। पुरस्कार समारोह 30 अक्टूबर को फिनलैंड में होगा। फिनलैंड के राष्ट्रपति जयंत को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।
बालीगा का आविष्कार जो 1980 के दशक में विकसित हुआ था। इसने दुनिया भर में बिजली की खपत और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। IGBT बिजली के उपयोग को अधिक कुशल बनाने, फेसिल फ्यूल की खपत को कम करने और रिन्यूवल ऊर्जा सोर्स को अपनाने में सबसे महत्वपूर्ण सेमिकंडक्टर डिवाइस बन गया है।
बालीगा उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोग्रेस एनर्जी डिस्टिंग्विश्ड यूनिवर्सिटी एमेरिटस प्रोफेसर ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग हैं। उन्होंने कहा, 'इस महान सम्मान के लिए चुने जाने पर बहुत उत्साहित हूं। मुझे विशेष रूप से खुशी है कि मिलेनियम टेक्नोलॉजी पुरस्कार मेरे इनोवेशन पर ध्यान आकर्षित करेगा, क्योंकि IGBT समाज की नजरों से छिपी हुई एक अंतर्निहित तकनीक है। जब वैश्विक तापमान को कम करने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा रहा है, इसने दुनिया भर में अरबों लोगों के आराम, सुविधा और स्वास्थ्य में सुधार करने वाले प्रोडक्ट की एक विशाल सरणी को सक्षम किया है।
Forbes ने उन्हें 'दुनिया का सबसे बड़ा निगेटिव कार्बन फूटप्रिंट वाला शख्स' के रूप में वर्णित किया है। बालीगा का एनर्जी एफिसिएंसी में सुधार पर अपना काम जारी है। उनकी टीम वर्तमान में सौर ऊर्जा उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहनों और AI सर्वर के लिए बिजली वितरण की दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से दो नए नवाचार विकसित कर रही है।
प्रौद्योगिकी अकादमी फिनलैंड के बोर्ड के अध्यक्ष मिन्ना पाल्मरोथ ने कहा, 'वैश्विक तापमान को कम करने का मुख्य समाधान बिजलीकरण और रिन्यूवल एनर्जी की ओर बढ़ना है। IGBT इन मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण सक्षम तकनीक है।'
इसके विकास के बाद से IGBT ने दुनिया भर में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 82 गीगाटन (180 ट्रिलियन पाउंड) से अधिक कम कर दिया है। यह पिछले तीन दशकों के औसत उत्सर्जन के आधार पर तीन वर्षों के लिए सभी मानव-जनित उत्सर्जन को ऑफसेट करने के बराबर है। यह व्यापक रूप से पवन और सौर ऊर्जा प्रतिष्ठानों, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों, चिकित्सा निदान उपकरणों और एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव और पोर्टेबल डिफिब्रिलेटर जैसे रोजमर्रा के उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास के पूर्व छात्र बालीगा के पोर्टफोलियो में 123 अमेरिकी पेटेंट शामिल हैं। इनमें से कई आविष्कार पहले से ही व्यापक कर्मशियल इस्तेमाल में हैं। इनमें कंप्यूटर और सर्वर में इस्तेमाल होने वाला स्प्लिट-गेट पावर MOSFET और आधुनिक बिजली प्रणालियों को शक्ति प्रदान करने वाली सिलिकॉन कार्बाइड प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
मिलेनियम टेक्नोलॉजी पुरस्कार की अंतरराष्ट्रीय चयन समिति की अध्यक्ष प्रोफेसर पैवी टोर्मा ने बालीगा के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, 'दुनिया में दो-तिहाई बिजली का उपयोग उपभोक्ता और औद्योगिक इस्तेमाल में मोटर चलाने के लिए किया जाता है। प्रोफेसर बालीगा के इनोवेशन ने हमें बिजली को कुशलतापूर्वक विकसित करने की अनुमति दी है, जबकि ऊर्जा खपत में कमी आई है।'
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