भारतीय मूल के कई अमेरिकी सांसदों ने ईरान द्वारा इजराइल पर किए गए मिसाइल हमले की तीखी आलोचना की है। इसके साथ ही क्षेत्र में तनाव कम करने का आह्वान किया है। हाउस इंटेलिजेंस और फॉरेन अफेयर्स कमेटी के सदस्य प्रतिनिधि अमी बेरा ने ईरानी हमले की निंदा के साथ इजराइल की रक्षा के लिए बाइडन प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
बेरा ने कहा, 'मैं ईरान द्वारा किए गए इन हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। इसके साथ ही इजरायल और उसके लोगों की सुरक्षा के लिए बाइडन-हैरिस प्रशासन की पूरी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं।' बेरा ने तनाव कम करने के लिए राजनयिक प्रयासों का भी आह्वान किया और कहा, 'हालांकि प्रशासन ने मुझे अभी तक जानकारी नहीं दी है, हमें तनाव को कम करने के लिए काम करना जारी रखना होगा और एक ऐसा समाधान ढूंढना होगा जो क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता ला सके।'
इसी तरह प्रतिनिधि रो खन्ना ने कहा, 'यह निशाना आम नागरिकों पर था और यह इजराइल की संप्रभुता का खुला उल्लंघन है। मैं इन भयानक हमलों के दौरान इजराइल के लोगों के साथ खड़ा हूं।' मिशिगन के डेमोक्रेट प्रतिनिधि श्री थानेदार ने भी इजराइल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ईरानी हमले की बिना शर्त निंदा की जानी चाहिए। हमें इजराइल के साथ ईरान और ईरान समर्थित गुटों जैसे हिज्बुल्लाह के खिलाफ खड़े होना चाहिए।
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने 1 अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था। गाजा और लेबनान में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों और हमास, हिज्बुल्लाह और IRGC के प्रमुख नेताओं की हत्या के बदले में लगभग 200 मिसाइलें दागी गईं।
ईरान ने दावा किया कि यह हमला 'महत्वपूर्ण सैन्य और सुरक्षा लक्ष्यों' पर किया गया था। यह पहला मौका था जब ईरान ने अपनी नई फतेह हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया। ईरानी सरकारी मीडिया ने बताया कि 90 प्रतिशत प्रोजेक्टाइल अपने लक्ष्य पर लगे, हालांकि इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया गया।
इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने बड़ी संख्या में मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन बताया कि मध्य और दक्षिणी इजराइल में अलग-अलग जगहों पर हमले हुए। मिसाइलों के गिरने पर बड़े शहरों में अलार्म बजने लगे, जिससे तेल अवीव में दो लोग घायल हो गए। यह हमला एक बड़े साइबर हमले के साथ हुआ, जिससे स्थिति और जटिल हो गई।
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