फिलाडेल्फिया ईगल्स के लिए रक्षापंक्ति के समन्वयक के रूप में काम करने वाले भारतीय मूल के सीन देसाई को टीम से हटा दिया गया है। बताया गया है कि 40 वर्षीय भारतीय अमेरिकी देसाई को उनके खराब प्रदर्शन के कारण हटाया गया है। एनएफएल नेटवर्क इनसाइडर के अनुसार, देसाई को अभी भी लीग के आसपास कहीं और खाली रक्षात्मक समन्वयक में उम्मीदवार होने की उम्मीद है।
बता दें कि ईगल्स का सीजन 10-1 से शुरू होने के बाद ढह गया। टीम ने अपने अंतिम सात मैचों में से छह गंवा दिए और डिफेंस टीम के संघर्षों का एक बड़ा कारण था। हालांकि, द एथलेटिक नोट्स के रूप में, देसाई और पेट्रीसिया दोनों के तहत टीम की रक्षा उतनी ही समस्याग्रस्त थी। उन्होंने देसाई के तहत प्रति गेम 24.7 अंक और पेट्रीसिया के तहत 27.8 अंक दिए, जबकि देसाई के तहत 358.8 गज प्रति गेम और पेट्रीसिया के तहत 327.2 गज दिए।
26 नवंबर के बाद देसाई की आलोचना बढ़ गई थी। हालांकि ईगल्स ने ओवरटाइम में उस गेम को 37-34 से जीता था। इसके बाद दो सीधे एकतरफा हार से उन्हें नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि उस हार के बाद देसाई और मुख्य कोच निक श्रीनानी के बीच निजी रिश्ते में कड़वाहट आ गई थी। दोनों के बीच टीम के संचालन को लेकर काफी विवाद था। सिरियानी कर्मचारियों और देसाई के बीच अधिक सहयोग चाहते थे।
एक्स पर एक पोस्ट में ईगल्स रिपोर्टर जेफ मैकलेन लिखते हैं कि देसाई के पदावनति के बाद उन्होंने जिस किसी से भी बात की, उसके पास उनके चरित्र और व्यावसायिकता के बारे में कहने के लिए सकारात्मक चीजों के अलावा कुछ भी नहीं था। इस बीच, द एथलेटिक का कहना है कि ईगल्स देसाई को बदलने के लिए वाशिंगटन कमांडर के पूर्व कोच रॉन रिवेरा से बात करेंगे।
बता दें कि देसाई ने कोचिंग की शुरुआत टेंपल से 2006 में शुरु की। वे पांच सीजन तक टीम के स्पेशल कोच और डिफेनसिव असिस्टेंट के रूप में काम किया। वहीं 2010 में वे 27 साल की उम्र में कॉलेज फुटबॉल टीम के कॉर्डिनेटर बने। देसाई मियामी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट डायरेक्टर रहे। वे 2011 में बोस्टन कॉलेज के स्पेशल कोच भी रहे। 2009 और 2010 में स्कूल में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करते हुए शिक्षा प्रशासन में अपनी डाक्टरेट पूरी की।
साल 2021 में सीन देसाई को फुटबॉल टीम शिकागो बीयर्स की रक्षापंक्ति के लिए समन्वयक नियुक्त किया गया था। इस तरह से वह नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) में यह पद संभालने वाले भारतीय मूल के पहले नागरिक बन गए थे।
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