ADVERTISEMENTs

टिकाऊ खेती में बेजोड़ काम के लिए वैज्ञानिक डॉ. रतन लाल को मिला यह अहम पुरस्कार

डॉ. रतन लाल अपनी मिट्टी केंद्रित खेती के तरीके के लिए जाने जाते हैं। यह पुरस्कार जलवायु संकट के बीच वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए टिकाऊ खेती के तरीकों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।

डॉ. रतन लाल अपनी मिट्टी केंद्रित खेती के तरीके के लिए जाने जाते हैं। / Calouste Gulbenkian Foundation

भारतीय-अमेरिकी सॉइल साइंटिस्ट डॉ. रतन लाल को टिकाऊ खेती में उनके अद्भुत काम के लिए 2024 का गुलबेनकियन (Gulbenkian) पुरस्कार मिला है। कैलौस्ट गुलबेनकियन फाउंडेशन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि डॉ. लाल 1 मिलियन यूरो के इस पुरस्कार को आंध्र प्रदेश सामुदायिक प्रबंधित प्राकृतिक खेती (APCNF) कार्यक्रम और इजिप्ट के एक संगठन के साथ साझा करेंगे।

डॉ. रतन लाल अपनी मिट्टी केंद्रित खेती के तरीके के लिए जाने जाते हैं। यह तरीका खाद्य उत्पादन को पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को कम करने के साथ संतुलित करता है। उनके काम ने टिकाऊ खेती में मिट्टी के हेल्थ की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया है। उनके काम के लिए कई पुरस्कार मिले हैं। इनमें विश्व खाद्य पुरस्कार और भारत का पद्मश्री भी शामिल है। डॉ. रतन लाल ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में विश्वविद्यालय प्रोफेसर हैं और इसके कार्बन मैनेजमेंट के संस्थापक हैं।

APCNF कार्यक्रम रयथु साधिकारा संस्था (RySS) द्वारा लागू किया गया है। इसे दुनिया के सबसे बड़े एग्रो-इकोलॉजी पहल के रूप में मान्यता प्राप्त है। 2016 में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया APCNF कार्यक्रम छोटे किसानों को रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर ले जाने में मदद करता है।

2024 गुलबेनकियन पुरस्कार की अध्यक्ष एंजेला हैं। यह पुरस्कार टिकाऊ खेती के लिए विजेताओं के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को स्वीकार करता है, जो विभिन्न चुनौतीपूर्ण जलवायु परिस्थितियों में प्रभावी साबित हुए हैं। यह पुरस्कार जलवायु संकट के बीच वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए टिकाऊ खेती के तरीकों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। पुरस्कार राशि को विजेताओं में समान रूप से वितरित किया जाएगा ताकि उनके प्रयासों को बढ़ाया जा सके। दुनिया भर में इस तरह की पहलों को प्रेरित किया जा सके।

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related