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भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी विदेश मंत्री पद की दौड़ में, ट्रम्प की अंतिम सूची में शामिल!

अमेरिकी मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश मंत्री पद की तलाश चार उम्मीदवारों तक सीमित हो गई है। बताया जाता है कि अंतिम सूची में भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का नाम सबको चौंका रहा है।

उद्योगपति से नेता बने भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी। / X@ Vivek Ramaswamy

अमेरिकी मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश मंत्री पद की तलाश चार उम्मीदवारों तक सीमित हो गई है। जर्मनी में उनके पूर्व राजदूत और राष्ट्रीय खुफिया के कार्यवाहक निदेशक रिचर्ड 'रिक' ग्रेनेल, फ्लोरिडा के सीनेटर और ट्रम्प के उपराष्ट्रपति बनने के लिए उपविजेता मार्को रुबियो, टेनेसी सीनेटर और जापान में उनके पूर्व राजदूत बिल हैगर्टी और विवेक रामास्वामी। मंत्री पद की घोषणा बहुत जल्द होने के कयास लगाये जा रहे हैं। बताया जाता है कि अंतिम सूची में भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी का नाम सबको चौंका रहा है। 



भारतीय अमेरिकी उद्योगपति से नेता बने विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हुए थे मगर शुऱुआती दौर में ही ट्रम्प से पिछड़ने के बाद वे पीछे हट गये थे। हटने के साथ ही वे ट्रम्प के कट्टर समर्थक भी बन गये। मंत्री पद की दौड़ में विवेक अब तक के सबसे आश्चर्यजनक खिलाड़ी हैं। उनका चयन इतिहास में एक यादगार घटना होगी।

ट्रम्प के करीबी लोगों का कहना है कि पहले कार्यकाल से विपरीत भावी राष्ट्रपति ने अपनी विरासत पर ध्यान केंद्रित किया है। रामास्वामी का चौंकाने वाला चयन अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत होगा कि ट्रम्प आने वाले दशकों के लिए अमेरिकी अधिकार के वैचारिक मानक-वाहक बनने का इरादा रखते हैं।

रामास्वामी ने किया ट्रम्प की सामूहिक निर्वासन योजना का समर्थन
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से देश का राष्ट्रपति बनने की आकांक्षा रखकर चुनाव मैदान में कूदे भारतीय अमेरिकी उद्योगपति और अब नेता बने विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति नामित डोनाल्ड ट्रम्प की सामूहिक निर्वासन योजना का समर्थन किया है। शुरुआती दौर में पिछड़ने के बाद विवेक चुनाव मैदान से हट गये और उन्होंने ट्रम्प के समर्थन का ऐलान किया था। ट्रम्प के चुनाव जीतने के बाद अब विवेक ने नामित राष्ट्रपति की एक बड़ी योजना का समर्थन किया है। साथ ही कहा कि देश में वैध आव्रजन प्रणाली चरमरा गई है।

'कानून तोड़ने वालों को यहां रहने का कोई अधिकार नहीं'
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अमेरिका में घुसकर कानून तोड़ा उन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है और उन्हें जाने की जरूरत है। उद्योगपति से राजनेता बने रामास्वामी ने कहा, 'क्या हम एक चरमराई कानूनी आव्रजन प्रणाली रखते हैं। हां, बिल्कुल। लेकिन मुझे लगता है कि पहला कदम कानून के शासन को बहाल करना होगा और इसे बहुत ही व्यावहारिक तरीके से करना होगा।'

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