रॉकफेलर फाउंडेशन ने नई जलवायु सलाहकार परिषद के गठन की घोषणा की है। इसका उद्देश्य जन-केंद्रित जलवायु समाधानों को आगे बढ़ाना है जिससे उत्सर्जन कम हो सके और कमजोर वर्गों का समर्थन किया जा सके। इस परिषद में नियुक्त प्रमुख हस्तियों में विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई) के अध्यक्ष एवं सीईओ भारतीय अमेरिकी अनी दासगुप्ता भी शामिल हैं।
सस्टेनेबल सिटीज, अर्बन डिजाइन और गरीबी उन्मूलन में विशेषज्ञता रखने वाले अनी दासगुप्ता अन्य वैश्विक लीडर्स के साथ काम करते हुए फाउंडेशन की जलवायु रणनीति का मार्गदर्शन करेंगे।
परिषद के सह-अध्यक्ष द रॉकफेलर फाउंडेशन में कार्यकारी उपाध्यक्ष (कार्यक्रम) एलिजाबेथ यी और फाउंडेशन में COP26 के प्रेसिडेंट एवं क्लाइमेट एंड फाइनैंस फेलो आलोक शर्मा हैं। साल में तीन से चार बार परिषद की बैठकें होंगी।
पेशे से वास्तुकार अनी दासगुप्ता ने विश्व बैंक में उल्लेखनीय पदों पर कार्य किया है। उन्होंने बैंक की पहली नोलेज स्ट्रेटिजी विकसित करने में योगदान दिया है और इंडोनेशिया के आचे में सुनामी के बाद पुनर्निर्माण प्रयासों की अगुआई भी की है।
2014 में WRI में शामिल होने से पहले दासगुप्ता ने विश्व बैंक में नोलेज एंड लर्निंग मामलों के निदेशक के रूप में कार्य किया है जिसने एशिया एवं पूर्वी यूरोप में समुदाय आधारित विकास व शहरी पर्यावरण परियोजनाओं के विकास में योगदान दिया है।
जलवायु सलाहकार परिषद वैश्विक जलवायु परिवर्तन के लिए रॉकफेलर फाउंडेशन की एक बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इसका मकसद 2050 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में नेट जीरो लक्ष्य हासिल करना है। यह पहल जलवायु संकट से निपटने के लिए फाउंडेशन के समर्पण को दिखाती है।
अनी दासगुप्ता मूल रूप से भारत में दिल्ली के रहने वाले हैं। फिलहाल वह पत्नी और दो बेटों के साथ वाशिंगटन डीसी में रहते हैं। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से सिटी प्लानिंग और आर्किटेक्चर में मास्टर डिग्री हासिल की है।
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