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भारत की राजधानी गर्मी से बेहाल, अब तक का सर्वाधिक तापमान 49.9 सेल्सियस दर्ज

ऐसा नहीं है कि दिल्ली के करीब 3 करोड़ लोग मौसमी गर्मी के अभ्यस्त नहीं हैं लेकिन इस बार 15 मई के बाद से ही हालात गंभीर होना शुरू हो गये हैं। हालत यह है कि पूरे उत्तर भारत के लोगों का गर्मी से बुरा हाल है।

29 मई के लिए भी मौसम विभाग की ओर से लू (गर्म हवा) का रेड अलर्ट जारी किया गया है। AFP /



भारत की राजधानी दिल्ली इन दिनों गर्मी से बेहाल है। एक तरफ भीषण गर्मी से बुरा हाल है और दूसरी ओर राजधानी में पानी का लिए हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली में तापमान रिकॉर्ड उच्चतम 49.9 डिग्री सेल्सियस (121.8 फ़ारेनहाइट) तक जा पहुंचा है। उधर, दिल्ली राज्य की सरकार ने पानी की किल्लत को देखते हुए आपूर्ति में कटौती का ऐलान कर दिया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 'गंभीर गर्मी की स्थिति' की सूचना दी है। मौसम विभाग ने 28 मई को दिल्ली के दो उपनगरीय स्टेशनों नरेला और मुंगेशपुर में अधिकतम तापमान दर्ज किया। मौसम विभाग ने कहा कि तापमान उम्मीद से 9 डिग्री अधिक था। 29 मई के लिए भी मौसम विभाग की ओर से लू (गर्म हवा) का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

ऐसा नहीं है कि दिल्ली के करीब 3 करोड़ लोग मौसमी गर्मी के अभ्यस्त नहीं हैं लेकिन इस बार 15 मई के बाद से ही हालात गंभीर होना शुरू हो गये हैं। हालत यह है कि पूरे उत्तर भारत के लोगों का गर्मी से बुरा हाल है। हद तो यह है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी पर्यटक स्थल भी भीषण गर्मी की चपेट में हैं। वर्षों के वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की लहरें लंबी, अधिक लगातार और अधिक तीव्र हो रही हैं।

दिल्ली में पानी की कमी
नई दिल्ली के अधिकारियों ने भी पानी की कमी के खतरे की चेतावनी दी है क्योंकि राजधानी में सिरदर्द पैदा करने वाली गर्मी बढ़ रही है और कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति में कटौती हो रही है। दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी मार्लेना ने पानी की कमी की चेतावनी जारी की है। सरकार का कहना है कि इस संकट में संतुलन के साथ निपटने के लिए पानी की आपूर्ति में कटौती करनी होगी। इसी के साथ मंत्री ने चेतावनी दी है कि पानी की बर्बादी पर चालान काटा जाएगा।

हालत यह है कि दिल्ली के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित है। इसे देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि जिन इलाकों में दिन में दो बार पानी आता है, वहां अब एक बार आएगा। बचे पानी को उन इलाकों में दिया जाएगा, जहां पानी नहीं आ रहा है।

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