ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने भारतीय कम्युनिटी लीडर बालेश धनखड़ को पांच कोरियन महिलाओं के साथ रेप के लिए 40 साल की सजा सुनाई है। ऑस्ट्रेलिया टुडे के मुताबिक, डाउनिंग सेंटर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 7 मार्च को 43 साल के बालेश को 30 साल की बिना पेरोल वाली सजा सुनाई।
आईटी कंसल्टेंट रहे धनखड़ ने फर्जी जॉब ऐड के जरिए 21 से 27 साल की साउथ कोरियन महिलाओं को अपने सिडनी वाले घर या आसपास बुलाया। उन्हें नशा दिया और उनका यौन शोषण किया। ऑस्ट्रेलिया टुडे के मुताबिक, 2023 में हुई ज्यूरी ट्रायल के बाद उन्हें 39 अपराधों का दोषी पाया गया, जिसमें 13 रेप के मामले भी शामिल हैं।
सजा सुनाए जाने के बाद धनखड़ ने ने कोई रिएक्शन नहीं दिया। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज माइकल किंग ने उनकी हरकतों की कड़ी निंदा करते हुए उन्हें 'सोची-समझी, बारीकी से अंजाम दी गई, धोखेबाज शिकारी' करार दिया। जज ने आगे कहा कि धनखड़ ने अपनी यौन तृप्ति की पूर्ति 'हर पीड़िता से बेरहम रवैये' के साथ की।
ऑस्ट्रेलिया टुडे के मुताबिक, जज किंग ने कहा 'ये लंबे समय तक पांच अलग-अलग जवान और कमजोर महिलाओं के खिलाफ सोची-समझी शिकारी हरकतों का एक बेहद गंभीर सिलसिला था।' कोर्ट में सुना गया कि यौन शोषण के वक्त पीड़िताएं या तो बेहोश थीं या काफी ज्यादा कमजोर हालत में थीं। सबूतों से पता चला कि धनखड़ ने वारदात की वीडियो बनाई। एक स्प्रेडशीट में जॉब के अप्लीकेंट्स को उनके लुक, समझदारी और समझी गई कमजोरी के आधार पर रैंक किया था।
धनखड़ के जुर्म तब सामने आए जब उसने अक्टूबर 2018 में पांचवीं पीड़िता को निशाना बनाया। सिडनी के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में उसके घर पर पुलिस की छापेमारी में डेट-रेप ड्रग्स और एक क्लॉक रेडियो की आड़ में छुपाया गया वीडियो रिकॉर्डर मिला।
गिरफ्तारी तक धनखड़ इंडियन-ऑस्ट्रेलियन कम्युनिटी में एक जाना-माना चेहरा था। उसने भारत के एक राजनीतिक दल का एक सैटेलाइट ग्रुप बनाया था और हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता भी रहे थे। प्रोफेशनली, वो ABC, ब्रिटिश अमेरिकन टोबेको, टोयोटा और सिडनी ट्रेन्स जैसी बड़ी कंपनियों के लिए डेटा विज़ुअलाइजेशन कंसल्टेंट के तौर पर काम करता था। धनखड़ 2006 में स्टूडेंट के तौर पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचा था।
जज ने कहा कि कम्युनिटी लीडर के तौर पर धनखड़ की छवि उसके किए गए अपराधों से पूरी तरह से मेल नहीं खाती। धनखड़ ने लगातार महिलाओं को नशा देने या बिना सहमति के संबंध बनाने से इनकार किया है। उसने एक रिपोर्ट राइटर से कहा, 'मेरी सहमति को समझने का तरीका और कानून द्वारा सहमति को देखने के तरीके में फर्क है।' 30 साल की बिना पैरोल वाली सजा अप्रैल 2053 में खत्म होगी। पूरी सजा खत्म होने तक धनखड़ 83 साल के हो जाएंगे।
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