अमेरिका में सिएटल स्थित भारतीय दूतावास में 7 फरवरी को ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद कुछ लोग बिना इजाजत जबरन अंदर दाखिल हो गए। इस पर अफसरों को बीच-बचाव करना पड़ा। दूतावास ने एक्स (पहले ट्विटर) पर बयान जारी करके इस घटना को 'लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन' बताया। बयान के मुताबिक, 'ऑफिस के बंद होने के बाद कुछ लोगों के दूतावास में बिना इजाजत घुसने की वजह से हमें एक लॉ एंड ऑर्डर प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा।'
दूतावास ने आगे बताया, 'हमें इस मामले को सुलझाने के लिए लोकल अथॉरिटीज को बुलाना पड़ा। इन घुसपैठियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।' खबरों के मुताबिक, ये घटना भारतीय-अमेरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता क्षमा सावंत के विरोध से जुड़ी है। सावंत का दावा है कि उनका भारतीय वीजा तीन बार रद्द किया गया है। वर्कर्स स्ट्राइक बैक के सदस्यों के साथ सावंत दूतावास में 'शांतिपूर्ण नागरिक अवज्ञा' कर रही थीं और वीजा रद्द करने की वजह जानना चाहती थीं।
सावंत ने एक्स पर लिखा कि उनके पति कैल्विन प्रीस्ट को उनकी बीमार मां से मिलने के लिए इमरजेंसी वीजा मिल गया, लेकिन उनका वीजा रद्द कर दिया गया। उन्होंने लिखा, 'उन्होंने मेरे पति को इमरजेंसी वीजा दे दिया, लेकिन मेरा रद्द कर दिया। साफ-साफ कहा गया कि मेरा नाम 'रिजेक्ट लिस्ट' में है। और वजह भी नहीं बताई।'
ये घटना कुछ हफ्ते पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सैन फ्रांसिस्को में 2023 में भारतीय दूतावास पर हुए हमले के लिए जवाबदेही की मांग दोहराने के बाद हुई है। उन्होंने इस घटना को बहुत गंभीर मामला बताया था।
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