कंबोडिया में भारत की राजदूत देवयानी खोबरागड़े इन दिनों खूब चर्चा में हैं। वजह ये है कि उन्होंने कंबोडिया के लोगों को नए साल की अनोखे अंदाज में शुभकामनाएं दी हैं। उनके इस अंदाज की अब सोशल मीडिया पर खासी चर्चा हो रही है। दरअसल, देवयानी ने खमेर नववर्ष के अवसर पर कंबोडियाई लोगों को बधाई देने के लिए 'खमेर अप्सरा' का रूप धारण किया।
कंबोडिया में भारतीय दूतावास ने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर उनकी इस रूप की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि राजनयिक को खमेर संस्कृति और परंपरा के लिए गहरी समझ है। दूतावास ने देवयानी के खमेर संस्कृति के प्रति लगाव को लेकर उनकी सराहना की है। देवयानी को 2020 में कंबोडिया में भारत के दूत के रूप में नियुक्त किया गया था।
दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में लिखा कि 'राजदूत देवयानी खोबरागड़े खमेर संस्कृति और परंपरा के प्रति गहरी प्रशंसक हैं। खमेर नव वर्ष की भावना को गले लगाते हुए, उन्होंने खमेर अप्सरा के रूप में सुरुचिपूर्ण ढंग से कपड़े पहने, जो हमारी सभ्यताओं के समृद्ध बंधन को मूर्त रूप देता है। हमारे सभी कंबोडिया दोस्तों को खमेर नव वर्ष के जश्न की शुभकामनाएं।'
बता दें कि देवयानी अमेरिका में विवादों के केंद्र में भी रह चुकी हैं, जिससे भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया था। 1999 में उन्हें भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल किया गया था। जिसके बाद उन्होंने बर्लिन, न्यूयॉर्क, इस्लामाबाद और रोम में भारतीय मिशनों में राजनयिक के रूप में काम किया।
हालांकि न्यूयॉर्क में उनका राजनयिक कार्यकाल गलत कारणों से मीडिया की सुर्खियों में रहा। उन्हें वीजा धोखाधड़ी के मामले में 'झूठे' बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले (SDNY) के अमेरिकी अटॉर्नी ने 12 दिसंबर, 2013 को उन पर आरोप लगाए थे।
एक अलग विवाद में उन पर अमेरिका में अपने घरेलू नौकर को न्यूनतम वेतन सीमा से कम भुगतान देने का भी आरोप लगा था। हालांकि, उन्होंने आरोपों को 'झूठा और आधारहीन' बताते हुए उनका विरोध किया। बाद में एक अमेरिकी अदालत ने राजनयिक छूट का हवाला देते हुए उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
भारत द्वारा उनकी राजनयिक छूट को माफ करने के लिए अमेरिका का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद देवयानी भारत लौट आईं। इसके बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में तनाव आ गया, जिसकी वजह से नई दिल्ली को भारत में अमेरिकी राजनयिकों की विशिष्ट श्रेणियों के लिए विशेषाधिकार कम करने पड़े। इसके जवाब में अमेरिका ने अपने एक राजनयिक को वापस बुला लिया था।
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