अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लैटिन अमेरिका का सबसे बड़ा योग कार्यक्रम ग्वाटेमाला में आयोजित किया गया। ग्वाटेमाला स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से ग्वाटेमाला सिटी में हुए इस कार्यक्रम में लगभग 5,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
ग्वाटेमाला में यह लगातार तीसरा साल है, जब बड़े पैमाने पर योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह इस लैटिन अमेरिकी देश में योग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। इस वर्ष ग्वाटेमाला सिटी में आयोजित योग महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए और विशाल हरे-भरे मैदान में एक साथ विभिन्न योगासन किए।
@IndiainGuate celebrated #IDY2024 by hosting #LATAM's largest yoga event in Guatemala City, drawing around 5000 participants. This marks the third consecutive year of significant turnout, highlighting #yoga's growing impact in Guatemala.#YogaForSelfAndSociety pic.twitter.com/eSlzZXIHUP
— India in Guatemala (@IndiaInGuate) June 22, 2024
योगाभ्यास तन और मन में सामंजस्य स्थापित करता है, विचार व क्रिया को संतुलित करता है और संयम व पूर्ति में तालमेल बिठाकर जीवन में परिवर्तनकारी अनुशासन लाता है।
भारत के प्राचीन योग के इन्हीं फायदों को दुनिया भर में विस्तारित करने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन भी होता है।
योग की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने के लिए 21 जून 2015 को 177 देशों के समर्थन से पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। तब प्रधानमंत्री मोदी सहित हजारों लोगों ने नई दिल्ली में योगाभ्यास किया था।
लैटिन अमेरिका के कोस्टा रिका, निकारागुआ, पेरू, ब्राजील, होंडुरास, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, इक्वाडोर और चिली सहित अन्य देशों में योग को लेकर काफी उत्साह रहता है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग अपने तन मन के स्वास्थ्य को संवारने के लिए योग का सहारा लेते हैं।
योग लैटिन अमेरिका में महिलाओं को सशक्त बनाने के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में भी उभरा है। इसने सामुदायिक सामंजस्य और भाईचारा बढाने में योगदान दिया है। लैटिन अमेरिका में योग का इस्तेमाल कुछ जेलों में कैदियों को शांत करने के लिए भी किया जाता है।
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