भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को दुनिया के सबसे खूबसूरत झंडों में शुमार किया गया है। इस लिस्ट में तिरंगा 18 वें स्थान पर है। यह भारतीय ध्वज की देश की समृद्ध विरासत और पहचान के एक मजबूत प्रतीक के रूप में मान्यता देती है। लिस्ट में जापान का ध्वज पहले नंबर पर है।
दुनिया के सबसे खूबसूरत झंडे वाले 25 देशों की इस लिस्ट को याहू फाइनेंस और फाइनेंस ब्लॉग इनसाइडर मंकी ने आपसी सहयोग से तैयार किया है। इस लिस्ट के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सबसे दिलकश झंडों की सर्च को आधार बनाया गया है।
लिस्ट बनाने के लिए रैंकर, फोर्ब्स, स्नैपबॉक्सी, ए रे ऑफ लाइट, न्यूज18 और रेडिट थ्रेड्स जैसे तमाम स्रोतों पर झंडों में दिलचस्पी का सहारा लिया गया है। झंडों का क्रम चुनने के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया गया जिसमें प्रत्येक ध्वज को डिजिटल प्लेटफार्म्स पर उसकी मान्यता के आधार पर निर्धारित क्रम दिया गया।
इस लिस्ट में भारतीय ध्वज को 18वां स्थान दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के ध्वज को तिरंगे के रूप में भी जाना जाता है। उसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। केंद्र में एक गहरे नीले रंग का अशोक चक्र (पहिया) है।
भारतीय ध्वज का प्रत्येक रंग एक महत्वपूर्ण अर्थ रखता है, जैसे कि केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक है। सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है। इसी तरह हरा रंग विश्वास का प्रतीक है। अशोक चक्र कानून के शाश्वत चक्र का प्रतिनिधित्व करता है।
इस लिस्ट में जापान के ध्वज ने पहला स्थान हासिल किया है। उसके बाद कनाडा, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और नेपाल के झंडों को जगह दी गई है। पुर्तगाल ने भारत से आगे 17 वींरैंक हासिल की है। फ्रांसीसी ध्वज को 19वें स्थान पर रखा गया है।
किसी देश का ध्वज न केवल उसकी राष्ट्रीय पहचान, सांस्कृतिक विरासत और सिद्धांतों का प्रतीक होता है बल्कि उसकी छवि को भी व्यक्त करता है। ध्वज नागरिकों की भावनाओं को जगाने, विचारों को प्रेषित करने और जनमत को आकार देने की क्षमता रखता है।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) का मानना है कि दिलकश झंडों से सजे राष्ट्र अक्सर अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों की बड़ी संख्या में आकर्षित करते हैं। व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) भी मानता है कि जो देश अपने ध्वज को पर्यटन प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करते हैं, वहां आमतौर पर पर्यटकों की आमद ज्यादा होती है। इतना ही नहीं, इसका राजस्व बढ़ाने में भी योगदान रहता है।
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