भारतीय विदेश मंत्रालय ने अकेडमिक इयर 2024-25 के लिए प्रवासी बच्चों की छात्रवृत्ति योजना (एसपीडीसी) का ऐलान कर दिया है। इसके लिए आवेदन शुरू कर दिए गए हैं। अंतिम तिथि 30 नवंबर 2024 है।
एसपीडीसी योजना की शुरुआत 2006 में की गई थी। इसके तहत भारतीय विश्वविद्यालयों में स्नातक करने वाले अनिवासी भारतीयों (एनआरआई), भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) और भारत के विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को उनकी इंस्टिट्यूशनल इकनोमिक कॉस्ट (आईईसी) के 75 प्रतिशत तक आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। इसकी ऊपरी सीमा प्रति वर्ष 4,000 अमेरिकी डॉलर है। आईईसी में ट्यूशन, होस्टल और अन्य शुल्क शामिल होते हैं। हालांकि भोजन की लागत को कवरेज से बाहर रखा गया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा लेने वाले प्रवासी छात्रों का वित्तीय बोझ कम करना है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एसपीडीसी के तहत मेरिट-कम-मीन्स के आधार पर चयन को प्राथमिकता दी जाती है।
यह योजना दुनिया भर में भारतवंशियों के पात्र आवेदकों के लिए खुली है। इसमें छात्राओं को वरीयता दी जाती है। प्रत्येक श्रेणी में 50 प्रतिशत स्लॉट भरना जरूरी होता है। इस वर्ष कुल 150 छात्रवृत्तियां उपलब्ध हैं जिनमें इमिग्रेशन चेक रिक्वायर्ड (ईसीआर) देशों के भारतीय कामगारों के बच्चों के लिए 50 स्लॉट आरक्षित हैं। इसके अलावा एक तिहाई स्लॉट उन आवेदकों के लिए हैं जिन्होंने भारत में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की है।
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में स्नातक कोर्स में दाखिला लेने वाले योग्य छात्र विदेश मंत्रालय के आधिकारिक एसपीडीसी पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकते हैं। मेडिकल कोर्स कर रहे छात्रों को दूसरे वर्ष से छात्रवृत्ति मिलेगी।
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