अमेरिका ने भारत को 297 कलाकृतियां आधिकारिक तौर पर लौटा दी हैं। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में हाल ही में आयोजित समारोह में इस सांस्कृतिक धरोहर की वापसी का जश्न मनाया गया।
इन कलाकृतियों को मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी कार्यालय और यूएस होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (एचएसआई) द्वारा सौंपा गया है। ये पुरावशेष 2000 ईसा पूर्व से लेकर 1900 ईस्वी तक 4,000 वर्षों के हैं। ये भारत के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित हैं।
इन कलाकृतियों में जम्मू कश्मीर से पहली-दूसरी शताब्दी का टाइल रूस्टर मेडेलियन, अभय मुद्रा में 5वीं-6वीं शताब्दी की बुद्ध प्रतिमा और उत्तर भारत की 15वीं-16वीं शताब्दी की मानवरूपी तांबे की आकृति शामिल है। अन्य कलाकृतियों में 10वीं-11वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर की अप्सरा और 13वीं-14वीं शताब्दी की भगवान कार्तिकेय की मूर्ति को भी भारत को वापस लौटा दिया गया है।
प्राचीन कलाकृतियों की वापसी की ये पहल जुलाई 2024 में अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के बीच हुए सांस्कृतिक संपत्ति समझौते के तहत की गई है। यह समझौता राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पिछले साल जून में बनी सहमति के बाद किया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में क्वाड शिखर सम्मेलन में चुनिंदा कलाकृतियों को प्रतीकात्मक रूप से सौंपने के लिए राष्ट्रपति बाइडन को धन्यवाद दिया था। उन्होंने भारत की सभ्यतागत पहचान के महत्व पर जोर देते हुए इन कलाकृतियों को देश की सांस्कृतिक चेतना का अभिन्न अंग बताया।
भारत के संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि 2016 से लेकर अब तक अमेरिका ने चोरी या तस्करी करके वहां ले जाई गई 578 भारतीय कलाकृतियां लौटाई हैं, जो किसी भी अन्य देश द्वारा लौटाई गईं सबसे अधिक कलाकृतियां हैं।
दूतावास में आयोजित समारोह के दौरान भारतीय सांस्कृतिक विरासत से संबंधित अपराधों पर नकेल कसने में सहयोग के लिए अमेरिका की प्रशंसा की गई। मैनहट्टन के जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने इसे सांस्कृतिक न्याय बताया।
Homecoming of Indian Antiques @IndiainNewYork hosted a Repatriation ceremony for 297 Indian-origin antiquities, representing rich culture and heritage of India, returning home after Hon'ble P.M @narendramodi's visit to the U.S. earlier this year.
— India in New York (@IndiainNewYork) November 11, 2024
The antiquities, handed over… pic.twitter.com/ZcJsA54hsI
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