लॉस एंजिल्स की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (UCLA) के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी ने भारतीय मूल की लतीशा शर्मा को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। लतीशा को यूसीएलए के कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है।
लतीशा फिलहाल यूसीएलए में न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर हैं। वह इससे पहले यूसीएलए के रोनाल्ड रीगन मेडिकल सेंटर यूसीएलए कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर के निदेशक के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्हें सेरेब्रोवैस्कुलर बीमारियों के इलाज, स्ट्रोक प्रिवेंशन और अलग-अलग समुदायों में स्ट्रोक की रोकथाम के लिए इनोवेटिव तरीके इस्तेमाल करने का विस्तृत अनुभव है।
इस नई भूमिका के अलावा लतीशा शर्मा यूसीएलए के टेलीस्ट्रोक प्रोग्राम की प्रमुख और वैस्कुलर न्यूरोलॉजी रेजीडेंसी प्रोग्राम के एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में कार्य करती रहेंगी। वह लॉस एंजिल्स स्ट्रोक सोसाइटी की सह-अध्यक्ष हैं।
लतीशा इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ स्ट्रोक प्रिवेंशन वर्कग्रुप, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन माइनॉरिटी अफेयर्स कमेटी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन स्ट्रोक इमरजेंसी केयर कमेटी की सदस्य भी हैं।
जारी बयान में बताया गया कि लतीशा शर्मा ने यूसीएलए के कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर के डायरेक्टर रहे डॉ. डेविड लिबेस्काइंड की जगह ली है, जो पिछले छह वर्षों से कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर की कमान संभाल रहे थे। डेविड वैस्कुलर न्यूरोलॉजी फेलो के रूप में सेंटर से जुड़े रहेंगे और क्लीनिकल केयर एंड रिसर्च में योगदान देते रहेंगे।
बता दें कि यूसीएलए के कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रोक सेंटर की स्थापना 1995 में की गई थी। यह सेरेब्रल वैस्कुलर डिजीज के इलाज का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संस्थान है।
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