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अगले साल भारत भरेगा कामयाबी की नई उड़ान, अंतरिक्ष और गहरे समुद्र में दस्तक देंगे भारतीय

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि 2022 में हमारे पास सिर्फ एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था, लेकिन अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने के बाद 2024 में हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप होंगे।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत के पहले स्पेस मिशन गगनयान को लेकर अहम जानकारी दी है। / X @DrJitendraSingh

भारत स्पेस टेक्नोलोजी में नई उड़ान भरने जा रहा है। भारत सरकार के केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अगले साल पूरा विश्व अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन का गवाह बनेगा। इसके अलावा इसी साल डीप सी मिशन के तहत भारत गहरे समुद्र में भी पहली बार इंसान को भेजेगा। 

पीआईबी पर जारी विज्ञप्ति में जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत के पहले स्पेस मिशन गगनयान के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है। इनमें तीन ग्रुप कैप्टन और एक विंग कमांडर हैं। इनकी ट्रेनिंग चल रही है। साल 2025 में दुनिया पहले भारतीय को अंतरिक्ष में और दूसरे भारतीय को गहरे समुद्र में पहुंचते हुए देखेगी। 



केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में कहा कि 2022 में हमारे पास सिर्फ एक अंतरिक्ष स्टार्टअप था, लेकिन अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी भागीदारी के लिए खोलने के बाद 2024 में हमारे पास लगभग 200 स्टार्टअप होंगे। इनमें से कई वैश्विक स्‍तर के हैं। उन्होंने बताया कि कुछ ही महीनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये का निवेश निजी क्षेत्र से आया है।

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में तीन दिवसीय मानवयुक्त मिशन भेजना है, जो पृथ्वी से 400 किमी ऊपर परिक्रमा करेगा और वापस आएगा। इसके लिए भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को चुना गया है। 

भारत के पहले समुद्रयान मिशन के बारे में बताएं तो इसके तहत मानवयुक्त पनडुब्बी को हिंद महासागर में 6000 मीटर की गहराई तक भेजा जाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पहल पर मत्स्य 6000 मिशन को स्वदेशी रूप से विकसित किया जा रहा है। 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत क्वांटम प्रौद्योगिकियों के मामले में अग्रणी देशों में से एक है क्योंकि हमारे पास राष्ट्रीय क्वांटम मिशन है। उन्होंने भारत के विशाल संसाधनों की भी चर्चा की और कहा कि हिमालय क्षेत्र के संसाधनों और 7500 किमी लंबी समुद्री तटरेखा का पूरी तरह दोहन नहीं हो पाया है। इसके लिए प्रयास जारी हैं। 


 

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