एक भारतीय नागरिक को 'एक्स्टसी' या 'मॉली' के रूप में कुख्यात प्रतिबंधित सिंथेटिक ड्रग को वितरित करने के इरादे से रखने का दोषी पाया गया है।
गुजरात के मूल निवासी 31 वर्षीय जसकरन सिंह को अधिकतम 20 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है। सजा का निर्धारण 25 जून को होगा। एक अमेरिकी अटॉर्नी ने संघीय परीक्षण के बाद बुधवार को यह जानकारी साझा की।
कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड बार्कर ने कहा कि जसकरन सिंह ने हमारी उत्तरी सीमा से संयुक्त राज्य अमेरिका में 170 पाउंड से अधिक अवैध ड्रग्स की तस्करी की। उन्हें सिंथेटिक ड्रग, मिथाइलेनडायऑक्सीमेथैम्फेटामाइन (MDMA) के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसे आमतौर पर 'एक्स्टसी' या 'मॉली' के रूप में जाना जाता है।
अटॉर्नी रिचर्ड बार्कर ने बताया कि यह पूर्वी वाशिंगटन में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है। इसका बाजार मूल्य 7.8 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक था। आज का फैसला एक स्पष्ट संदेश देता है कि जो लोग हमारे समुदायों को खतरनाक नियंत्रित पदार्थों की आपूर्ति कर हमारे देश की सीमाओं का फायदा उठाना चाहते हैं, उन्हें उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
बार्कर ने कहा कि सिंह जिस अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी संगठन के लिए काम करता था, उसने उत्तरी सीमा पर अवैध ड्रग्स की तस्करी के लिए ग्रामीण वाशिंगटन में आदर्श, एकांत स्थान की पहचान की थी।
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मीडिया से साझा जानकारी के मुताबिक मुकदमे में गवाही से यह स्थापित हुआ कि तीनों व्यक्तियों ने MDMA को सीमा के कनाडाई हिस्से से लगभग 300 गज के सुदूर जंगल से बैग और सूटकेस लेकर उस स्थान पर पहुंचाया जहां सिंह ने किराए की ओडिसी वैन खड़ी की थी। इसके बाद तीनों व्यक्ति कानून प्रवर्तन द्वारा गिरफ्तारी से बचते हुए सीमा के कनाडाई हिस्से में लौट गए।
इस भारी जब्ती से ठीक एक दिन पहले सिंह उत्तरी कैलिफोर्निया से वाशिंगटन राज्य गया था। न्याय विभाग ने कहा कि सिंह ने उड़ान से ठीक पहले अपना टिकट खरीदा था और फिर सिएटल में एक कार किराए पर ली थी और इसके बाद अमेरिका-कनाडा सीमा पर होने वाली तस्करी के ठिकाने पर पहुंचा था।
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