अमेरिका में एक भारतीय नागरिक को एक नाबालिग को अवैध यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए लुभाने के प्रयास के आरोप में दोषी ठहराए जाने पर संघीय अदालत में 12 साल की जेल और 10 साल की सुपरविजन में रिहाई की सजा सुनाई गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका के जिला न्यायाधीश सुसान पैराडाइज बैक्सटर ने 32 साल के उपेंद्र अदुरु पर यह सजा सुनाई।
अदालत में पेश की गई जानकारी के अनुसार, छात्र वीजा पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिक अदुरु ने 20 सितंबर, 2022 से 6 अक्टूबर, 2022 तक सोशल मीडिया के माध्यम से एक जासूस के साथ बातचीत की। यह जासूस तेरह साल की लड़की बनकर पेश हो रहा था। इस दौरान अदुरु ने बार-बार तेरह साल की लड़की बने जासूस के साथ यौन गतिविधि में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। यहां तक कि जासूस को वयस्क पोर्नोग्राफी की कई पिक्चर भी भेजीं।
अदुरु ने बार-बार उस लड़की से मिलने की कोशिश की और आखिरकार लड़की से मिलने का समय तय करने के बाद मिलक्रीक टाउनशिप के एक पार्क में गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके फोन की तलाशी लेने पर अदुरु और अंडरकवर जासूस के बीच सोशल मीडिया पर बातचीत का पता चला।
यह मामला प्रोजेक्ट सेफ चाइल्डहुड के हिस्से के रूप में लाया गया था, जो बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार की बढ़ती घटनाओं का मुकाबला करने के लिए मई 2006 में न्याय विभाग द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी पहल है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी कार्यालयों और आपराधिक प्रभाग के बाल शोषण और अश्लीलता अनुभाग (CEOS) के नेतृत्व में प्रोजेक्ट सेफ चाइल्डहुड बच्चों का यौन शोषण करने वालों का पता लगाने, उन्हें गिरफ्तार करने और उनपर मुकदमा चलाने और पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें बचाने के लिए संघीय, राज्य और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करता है।
सरकार की ओर से इस मुकदमे की पैरवी सहायक संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी क्रिश्चियन ए. ट्रैबोल्ड ने किया। अमेरिका के अटॉर्नी ओल्शन ने जांच के लिए संघीय जांच ब्यूरो, होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन, पेंसिल्वेनिया स्टेट पुलिस, एरी पुलिस विभाग, मिलक्रीक पुलिस विभाग, एरी काउंटी डिटेक्टिव, शेलर टाउनशिप पुलिस विभाग और एलेघेनी काउंटी पुलिस विभाग की सराहना की।
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