अमेरिका के सिएटल की एक अदालत ने रजत रजत और तीन अन्य लोगों को पांच महीने जेल की सजा सुनाई है। उन पर गैर-नागरिकों को मुनाफे के लिए उत्तरी सीमा पार कराकर अमेरिका में तस्करी करने की साजिश रचने का आरोप है।
अमेरिका की एक्टिंग अटॉर्नी टील लूथी मिलर ने बताया कि यह ग्रुप नवंबर और दिसंबर 2023 में हुई तस्करी की दो घटनाओं से जुड़ा है। इन लोगों को कुछ विदेशियों (गैर-नागरिकों) को मुनाफे के लिए लाने और ट्रांसपोर्ट करने की साजिश के जुर्म में जेल भेजा गया है।
अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज टाना लिन ने कहा कि रजत ने तस्करी की इस साजिश में अहम भूमिका निभाई थी। उसने यात्रा का इंतजाम किया और अपने साथी साजिशकर्ताओं को पैसे दिए। जज ने यह भी कहा कि कैलिफोर्निया के सांता रोजा में रहने वाले रजत ने तस्करी की प्रक्रिया में होने वाले शोषण को जारी रखा
मिलर ने कोर्ट को बताया कि 27 साल का रजत तस्करी की इस योजना का मिड-लेवल मैनेजर था। वह गैर-नागरिकों को बताता था कि बॉर्डर कहां से और कैसे पार करना है। इतना ही नहीं, उसने उनके और अपने साथियों के सफर का कुछ खर्चा भी पहले खुद ही उठाया था। मिलर ने कहा, 'हम अवैध बॉर्डर क्रॉसिंग को रोकने के लिए अपने कानून प्रवर्तन भागीदारों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि इससे अमेरिकी सुरक्षा को खतरा है।'
बयान में केस के रेकॉर्ड का हवाला देते हुए बताया गया कि तस्करी की इन दो घटनाओं में भारत के आठ अलग-अलग नागरिक शामिल थे। 27 नवंबर, 2023 को निगरानी तकनीक (सर्विलांस टेक्नोलॉजी) ने कई लोगों को वाशिंगटन के ब्लेन शहर में बाउंड्री विलेज अपार्टमेंट्स के पास एक बाड़ (फेंस) कूदते हुए पकड़ा। यह बाड़ पीस आर्क पार्क से करीब चौथाई मील पूर्व में है। अपार्टमेंट के पास बॉर्डर पेट्रोल एजेंटों ने पांच लोगों को एक सफेद मिनीवैन की तरफ भागते देखा।
बॉर्डर पेट्रोल ने गाड़ी रोकी तो उसमें भारत के पांच नागरिक मिले। गाड़ी कैलिफोर्निया का रहने वाला बॉबी जो ग्रीन चला रहा था। तीन गैर-नागरिकों ने यूएस बॉर्डर पेट्रोल एजेंटों को बताया कि अवैध रूप से बॉर्डर पार करने से पहले उन्होंने आरोपी सुशील कुमार को पीस आर्क पार्क में देखा था। जांच में पता चला कि कुमार और रजत ने गैर-नागरिकों को बॉर्डर पार करने का तरीका बताया और उन्हें बॉर्डर से ले जाने के लिए ग्रीन को पैसे दिए।
दिसंबर 2023 में, रजत पीस आर्क पार्क में भारतीय नागरिकों से मिला और कथित तौर पर उन्हें बताया कि पार्क से होते हुए कैसे निकलना है और बॉर्डर के पास खड़ी एक कार में कैसे बैठना है। लेकिन, कार रोक ली गई और गैर-नागरिक पकड़े गए। रजत को भी बॉर्डर के पास से पकड़ लिया गया। बयान के मुताबिक, इन गैर-नागरिकों ने अमेरिका में तस्करी के जरिए घुसने के लिए पैसे देने का वादा किया था।
सरकारी वकीलों ने कोर्ट को बताया कि यह एक संगठित, सुनियोजित और अंतरराष्ट्रीय साजिश थी जो लंबे समय से बार-बार चल रही थी। उन्होंने बताया कि रजत तस्करी संगठन में मिड-लेवल मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था। वह अपने साथियों को उनकी भूमिका के लिए पैसे देता था और उन्हें निर्देश देता था। वह गैर-नागरिकों को सलाह देता था कि अमेरिका में चोरी-छिपे कब और कैसे घुसना है।
जज लिन ने आदेश दिया कि जेल की सजा पूरी होने के बाद रजत तीन साल तक निगरानी में रहेगा (सुपरवाइज्ड रिलीज)। उन्होंने यह भी कहा कि जेल की सजा के बाद उसे संभवतः देश निकाला (डिपोर्ट) दे दिया जाएगा।
इस मामले में मार्च 2025 में सांता रोजा के रहने वाले 36 साल के सुशील कुमार को छह महीने जेल और तीन साल की सुपरवाइज्ड रिलीज की सजा सुनाई गई। इसके अलावा, ग्रीन को चार महीने जेल और तीन साल की सुपरवाइज्ड रिलीज की सजा दी गई। 20 साल की स्नेहा अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर है। उसका ट्रायल जनवरी 2026 में शुरू होना है। उसके मामले की जांच यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशंस (ICE HIS) और यूएस बॉर्डर पेट्रोल कर रहे हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login