भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा को इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) ने प्रतिष्ठित ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया है। आईओसी द्वारा दिया जाना वाला यह सर्वोच्च सम्मान भारत में ओलंपिक गेम्स और खेलों के विकास में बिंद्रा के योगदान को मान्यता प्रदान करता है।
41 वर्षीय अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक्स में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया था। उनकी उपलब्धि ने न केवल भारत को शूटिंग गेम्स के वैश्विक मानचित्र पर जगह दी बल्कि देश भर में अनगिनत युवा एथलीटों को भी उन्होंने प्रेरित किया।
अपने अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के जरिए उन्होंने कई एथलीट्स को एडवांस स्पोर्टस टेक्नोलोजी और प्रशिक्षण प्रदान किया है। साथ ही साइंस एंड टेक्नोलोजी की मदद से परफॉर्मेंस सुधारने में सहयोग किया है। उनके प्रयासों से भारतीय खेलों के बुनियादी ढांचे और सपोर्ट सिस्टम में सुधार आया है। एथलीटों को बेहतर ट्रेनिंग सुविधाएं और अवसर मिलने लगे हैं।
भारत के खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने गर्व के साथ खबर साझा करते हुए ट्वीट किया कि ओलंपिक मूवमेंट में उत्कृष्ट योगदान के लिए ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित होने पर अभिनव बिंद्रा को बधाई!
Congratulations to @Abhinav_Bindra on being awarded the Olympic Order for outstanding contributions to the Olympic Movement!
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) July 22, 2024
His achievement fills us with pride and is truly well-deserved.
His name alone has inspired generations of shooters and Olympians. pic.twitter.com/w8i6Ykr09X
गौरतलब है कि 1975 में स्थापित ओलंपिक ऑर्डर को तीन ग्रेड में प्रदान किया जाता है- स्वर्ण, रजत और कांस्य। यह खेल में असाधारण योग्यता का प्रदर्शन करने वाले या ओलंपिक मूवमेंट के लिए महत्वपूर्ण सेवाएं देने वाले खिलाडि़यों को प्रदान किया जाता है। इसके प्रतीक चिन्ह में पांच ओलंपिक रिंग और कोटिनो प्रतीक के साथ एक कॉलर है, जो एकता, दोस्ती और निष्पक्ष खेल के आदर्शों का प्रतीक है।
अभिनव से पहले नादिया कोमानेसी, इंदिरा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसी हस्तियों को ओलंपिक ऑर्डर प्रदान किया जा चुका हैं। इस प्रतिष्ठित सूची में बिंद्रा का शामिल होना खेलों में उनके महत्वपूर्ण प्रभाव और भारत व अन्य जगहों पर ओलंपिक आदर्शों को बढ़ावा देने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
अभिनव बिंद्रा का योगदान नीति निर्माण और एथलीट विकास तक है। उन्होंने आईएसएसएफ एथलीट समिति में काम किया है। वह 2018 में आईओसी एथलीट आयोग में भी काम कर चुके हैं, जो एथलीटों के मानसिक स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिरता और उद्यमिता पहल पर फोकस्ड है।
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