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2014 के बाद पहली बार, नॉर्थ-वेस्टर्न के अभि निम्मगड्डा को मिली यह प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप

अभि निम्मगड्डा इस वर्ष 35,000 अमेरिकी डॉलर की इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय-अमेरिकी हैं। नॉर्थ-वेस्टर्न से यह स्कॉलरशि पाने वाले वह 10वें छात्र हैं।

अभि निम्मगड्डा का जन्म जैक्सन मिसिसिपी में भारतीय प्रवासियों के घर हुआ है। / Image provided

भारतीय मूल के अभि निम्मगड्डा को दक्षिण एशियाई अध्ययन में ग्रेजुएट स्टडीज के लिए बेइनेके छात्रवृत्ति (Beinecke Scholarship) से सम्मानित किया गया है। अभि नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वेनबर्ग कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में तीसरे वर्ष के छात्र हैं। 

निम्मगड्डा इस वर्ष 35,000 अमेरिकी डॉलर की इस छात्रवृत्ति को प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय-अमेरिकी हैं। नॉर्थ-वेस्टर्न से यह स्कॉलरशि पाने वाले वह 10वें छात्र हैं। 2014 के बाद पहली बार नॉर्थ-वेस्टर्न के किसी छात्र को यह स्कॉलरशिप मिली है।

जैक्सन मिसिसिपी में भारतीय प्रवासियों के घर में जन्मे अभि निम्मगड्डा तीन साल की उम्र में भारत के हैदराबाद चले गए थे। जब वह दस साल के थे, तब क्राउन पॉइंट इंडियाना वापस आए। वह कई भाषाओं में धाराप्रवाह हैं और तेलुगु को अपनी मूल भाषा मानते हैं।

नॉर्थ-वेस्टर्न में अभि निम्मगड्डा तेलुगु अमेरिकियों के साहित्यिक योगदान और जाति व नस्ल से जुड़ी एक थीसिस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जैस्मीन कलेक्टिव की सह-स्थापना भी की है, जो दक्षिण एशियाई पहचान एवं राजनीति पर केंद्रित छात्रों का एक समूह है।

निम्मगड्डा की योजना है कि वह बेइनेके छात्रवृत्ति का उपयोग नस्ल और जातिगत भेदभाव पर अपने शोध को जारी रखने में करेंगें। उनका कहना है कि दक्षिण एशिया में भाषा ही जाति, भूगोल और वर्ग को दर्शाती है। अमेरिकी समाज अक्सर जाति से संबंधित भेदभाव को नजरअंदाज करता रहा है। मुझे उम्मीद है कि मेरा शोध वैश्विक जाति-विरोधी आंदोलनों में योगदान करेगा। 

ऑफिस ऑफ फेलोशिप में आउटरीच एंड कम्युनिकेशंस के एसोसिएट डायरेक्टर जेसन केली रॉबर्ट्स ने कहा कि अभि निम्मगड्डा पब्लिक ह्यूमैनिटीज की अवधारणा के प्रतीक हैं और अपनी पढ़ाई को वर्तमान घटनाओं से जोड़कर कार्य करते हैं।

बेइनेके स्कॉलरशिप के बारे में बताएं तो इसकी स्थापना 1971 में द स्पेरी एंड हचिंसन कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा एडविन, फ्रेडरिक और वाल्टर बेइनेके को सम्मानित करने के लिए की गई थी। इसके तहत युवा पुरुषों और महिलाओं को स्नातक शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है और उन्हें आर्ट्स, ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
 

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