भारतीय मूल के इंजीनियर नील गुंटूरी को प्रतिष्ठित सेन्सबरी इंजीनियरिंग मैनेजमेंट फेलो (एसएमएफ) स्कॉलरशिप जीती है। ब्रिटिश उद्योग जगत में बिजनेस, लीडरशिप और प्रबंधकीय कौशल को बढ़ावा देने के लिए यह स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है।
इस स्कॉलरशिप के तहत हर विजेता को टॉप बिजनेस स्कूल से एमबीए करने के लिए 50 हजार पाउंड (63 हजार डॉलर) की रकम दी जाती है। इंजीनियरिंग में मास्टर्स कर चुके नील गुंटूरी इसकी मदद से अब INSEAD में अध्ययन करेंगे।
उनके साथ इंजीनियरिंग मास्टर्स टॉम पिकरिंग और मेयोवा उबेबे को भी सैन्सबरी स्कॉलरशिप मिली है। चार्टर्ड इंजीनियर टॉम पिकरिंग आईईएसई में पढ़ाई करेंगे, वहीं मेयोवा एमआईटी स्लोन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाएंगी।
सैन्सबरी मैनेजमेंट फेलो स्कॉलरशिप की स्थापना 1987 में टर्विल के लॉर्ड सैन्सबरी द्वारा ब्रिटिश कंपनियों में सीनियर एग्जिक्यूटिव भूमिकाओं में इंजीनियरों की संख्या बढ़ाने के लिए की गई थी। इसका उद्देश्य प्रबंधन प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता के जरिए ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को मजबूत करना भी है।
स्थापना के बाद से अब तक 400 से अधिक इंजीनियरों को यह छात्रवृत्ति प्रदान की जा चुकी है। इसकी बदौलत 6 अरब डॉलर (4.8 बिलियन पाउंड) से अधिक मूल्य की 300 से अधिक कंपनियों की स्थापना हुई है और 20 हजार से अधिक लोगों को नौकरियां मिली हैं।
एमबीए पूरा करने के बाद ये स्कॉलर व्यापक एसएमएफ कम्युनिटी से जुड़ेंगे, जो मेंटरशिप और विभिन्न डेवलपमेंट गतिविधियों के जरिए युवा इंजीनियरों का ज्ञानवर्धन करने के लिए निपुण पेशेवरों का समर्पित नेटवर्क है।
इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन बिजनेस फाउंडेशन (EIBF) इंडस्ट्री में लीडरशिप एक्सीलेंस को बढ़ावा देने वाले प्रतिभाशाली इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को हर साल 16 सैन्सबरी मैनेजमेंट फेलो स्कॉलरशिप प्रदान करता है।
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