अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में रहने वाले अद्वैत पालीवाल ने एक ऐसा पहनने योग्य डिवाइस बनाया है जो तस्वीर खींचकर किसी व्यक्ति के जीवन का इतिहास लिखता है। ये डिवाइस हर मिनट एक तस्वीर लेता है, जिससे आपके जीवन का एक पूरी मेमोरी बनता है। इस डिवाइस का नाम है आईरिस (Iris)। ये AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल करके तस्वीरों को sort करता है, जिससे आप आसानी से अपने जीवन की यादें देख सकें।
पालीवाल ने अपने सोशल मीडिया पर बताया कि 'आईरिस आपको अपने जीवन की अनगिनत यादें सहेजने का मौका देता है। इस डिवाइस के जरिए ली गई तस्वीरें आपके फोन में या cloud में सेव की जा सकती हैं। आईरिस एक सर्कुलर evil eye पेंडेंट की तरह दिखता है, जिसमें बीच में एक कैमरा लगा हुआ है। यह गले पर पहना जाता है। पालीवाल के मुताबिक, यह डिवाइस एविल आई के प्राचीन प्रतीक से प्रेरित है, जो लैटिन अमेरिका और भारत में बुरी नजर से बचाने के लिए पहना जाता है।
पालीवाल ने एक ट्वीट में आईरिस के विभिन्न संभावित इस्तेमाल का विवरण दिया है। जिसमें डॉक्टरों द्वारा मरीजों की आदतों पर नजर रखने, वर्क प्लेस पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा देखभाल करने वालों द्वारा बुजुर्गों की निगरानी करने के लिए एक इसका उपयोग शामिल है। इसके अलावा डिवाइस में एक 'फोकस मोड' शामिल है, जो यूजर्स के अटेंशन खो जाने का पता लगाता है और विशिष्ट लक्ष्यों के साथ ट्रैक पर बने रहने के लिए रिमाइंडर भेजता है।
डेटा स्टोरेज से जुड़ी चिंताओं को दूर करते हुए पालीवाल ने यूजर्स को आश्वस्त किया कि आप अपने जीवन के हर मिनट के बजाय केवल अद्वितीय क्षणों को कैप्चर कर सकते हैं। इस तरह प्राइवेसी से जुड़े सरोकार को स्वीकार करते हुए पालीवाल ने कहा कि यूजर्स के हाथ में है कि वह आईरिस का उपयोग कैसे करता है। पालीवाल ने कहा, 'इसके अच्छे और बुरे दोनों पहलू हैं। एक ओर, आईरिस वास्तव में स्मृति समस्याओं वाले लोगों की मदद कर सकता है या हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। लेकिन यह प्राइवेसी के बारे में भी चिंता पैदा करता है कि इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है।'
पालीवाल ने MIT मीडिया लैब में 250 से अधिक लोगों के सामने आईरिस को पेश किया, जहां इसने काफी रुचि जगाई। उन्होंने कहा कि यह डिवाइस 'लाइफलॉगिंग' में एक नए मोड़ का हिस्सा है, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च और Google Clips जैसी कंपनियों के पिछले प्रयासों का जिक्र किया गया है, जिन्हें डेटा प्रबंधन और ऑटोनोमस इमेज कैप्चर में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
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