कनाडा में जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार भारतीय मूल के एक नागरिक ने खुद को निर्दोष बताया है। उसका कहना है कि पुलिस उसे गलत तरीके से एक गैंगस्टर साबित करने की कोशिश कर रही है।
अरुणदीप थिंड समेत पंजाबी मूल के पांच लोगों को 8 फरवरी को पील पुलिस की जबरन वसूली टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया था। इन पर दक्षिण भारतीय व्यापारियों से जबरन वसूली का आरोप है। दो सप्ताह तक जेल में रहने जमानत पर बाहर आए अरुणदीप ने कनाडाई मीडिया के सामने खुद को बेकसूर बताया है।
एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में अरुणदीप ने कहा कि मैं परिवार वाला व्यक्ति हूं। मेरे भी बच्चे हैं जो बार-बार कह रहे हैं कि उनके पिता अपराधी नहीं हैं। लेकिन आप लोगों ने मुझे एक अपराधी की तरह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अरुणदीप ने दावा किया कि वह कभी भी जबरन बसूली जैसे संगठित अपराधों का हिस्सा नहीं रहा। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मैं तो खुद इसका पीड़ित रहा हूं। अरुणदीप ने बताया कि ब्रैंपटन में एक रेस्टोरेंट चलाने वाले उसके एक दोस्त को भी कुछ लोगों ने फोन किया था और पैसों को लेकर धमकी दी थी।
मैंने धमकी देने वालों से फोन पर बात की थी। उन्होंने दबाव डालकर एक कार डीलरशिप पर जाकर उनकी ओर से वसूली का मैसेज दिलवाया। लेकिन मैंने डीलरशिप पर जाकर बस कंपनी मालिक को फोन सौंप दिया। उसके बाद मैंने उनसे कह दिया कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। आप लोग खुद आपस में बात करो और मुझे इन सबसे दूर रखो। इसके बाद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया।
अरुणदीप ने दावा किया पील पुलिस ने उसके साथ जिन चार लोगों गगन अजीत सिंह, अनमोलदीप सिंह, हशमीत कौर और ल्यमनजोत कौर को गिरफ्तार किया था, वह उनसे पहले कभी नहीं मिला और न ही उनका उनसे कोई संबंध नहीं है। पुलिस मुझे गलत तरीके से एक गैंगस्टर की तरह दिखाने की कोशिश कर रही है।
अरुणदीप से जब उसकी उस तस्वीर के बारे में सवाल किया गया, जिसमें उसके हाथों में बंदूक दिख रही है। इस पर अरुणदीप का कहना था कि यह तस्वीर बहुत साल पुरानी है और वह बंदूक भी नकली है। यह फोटो एक गाने की शूटिंग के दौरान की है।
पिछले कुछ समय से पील इलाके में जबरन वसूली की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। इन घटनाओं में रेस्तरां, बेकरी, ट्रांसपोर्ट कंपनियां, कार डीलरशिप और आभूषण स्टोर चलाने वाले दक्षिण एशियाई व्यापारियों को निशाना बनाया जा रहा है।
पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) की टास्क फोर्स के मुताबिक, इस वक्त जबरन वसूली के 29 मामलों की जांच चल रही है। इनमें से नौ वारदातों में कारोबारियों पर गोलीबारी तक की गई थी।
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