मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में भारतीय मूल के तीन लोगों आयुष शर्मा, गुरअमृत सिद्धू और शुभम कुमार को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपी इस हफ्ते कनाडा में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में शामिल हैं। कनाडाई पुलिस और FBI द्वारा संयुक्त ऑपरेशन 'डेड हैंड' के बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी।
अमेरिकी अटॉर्नी मार्टिन एस्ट्राडा ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तस्करी के इस रैकेट में मैक्सिकन कार्टेल से जुड़े ड्रग सप्लायर, लॉस एंजिल्स में दलाल व डिस्ट्रीब्यूटर और कनाडाई ट्रक ड्राइवर शामिल थे। अधिकारी का कहना है कि गुरअमृत मेक्सिको और लॉस एंजिल्स से भारी मात्रा में ड्रग्स खरीदने में शामिल था और उन्हें कनाडा ले जाने के लिए ट्रकिंग नेटवर्क का इस्तेमाल करता था।
बताया गया है कि कथित तौर पर गुरअमृत अपने सहयोगियों के बीच 'किंग' के नाम से जाना जाता था। आरोप है कि ब्रैम्पटन के 25 वर्षीय आयुष और कैलगरी के 29 वर्षीय शुभम ने ट्रक ड्राइवरों के रूप में काम किया, जो सीमा पार तस्करी को संभालते थे। 60 वर्षीय गुरअमृत पूरे ड्रग्स ट्रांसपोर्ट पर निगरानी रखता था।
कनाडाई 'हैंडलर' और 'डिस्पैचर्स' लॉस एंजिल्स की छोटी यात्राएं करते थे, जहां वे कनाडा जाने वाले ट्रकों का उपयोग करके मेथामफेटामाइन और कोकीन शिपमेंट के पिकअप और वितरण की देखरेख करते थे। परिवहन नेटवर्क में दर्जनों ट्रकिंग कंपनियों के ड्राइवर शामिल थे, जिन्होंने डेट्रॉइट विंडसर टनल, बफेलो पीस ब्रिज और ब्लू वॉटर ब्रिज के माध्यम से यूएस-कनाडा सीमा पार की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले में गिरफ्तार सभी 10 आरोपियों को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जाएगा।
अमेरिकी आंकड़ों से पता चलता है कि इस गिरोह ने लगभग एक किलो कोकीन, 4 किलो हेरोइन, 20 किलो फेंटेनाइल और 845 किलो मेथमफेटामाइन की तस्करी की, जिसकी कीमत 16 मिलियन डॉलर से अधिक है। पुलिस ने मौके से उनके पास से 70 किलो कोकीन और 4 किलो हेरोइन के अलावा 9,40,000 नकद भी जब्त किए।
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