फिलिस्तीन के समर्थन में एक लेख के कारण मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में भारतीय मूल के पीएचडी छात्र प्रह्लाद अयंगर को निलंबित कर दिया है। शांतिवाद शीर्षक वाला लेख पिछले महीने 'लिखित क्रांति' में प्रकाशित हुआ था। 'लिखित क्रांति' फिलिस्तीन समर्थक आंदोलन पर केंद्रित एक छात्र पत्रिका है।
Here's Prahlad Iyengar "On Pacifism" in student-run magazine Written Revolution. This article caused this issue #5 of the magazine to be banned by @MIT. Warning: This article might make you feel "unsafe" or you might decide that author is a "terrorist" https://t.co/REBYMNWvTb
— Michel DeGraff (@MichelDeGraff) December 5, 2024
खबरों के मुताबिक MIT ने अयंगर को कैंपस से प्रतिबंधित कर दिया है और उसकी पांच साल की नेशनल साइंस फाउंडेशन ग्रेजुएट रिसर्च फेलोशिप भी समाप्त कर दी है। MIT ने आरोप लगाया है कि लेख हिंसा को बढ़ावा देता है। लेख में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (PFLP) का लोगो भी छपा है जिसे अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है। हालांकि अयंगर ने आतंकवाद का समर्थन करने के किसी भी इरादे से इनकार किया है और दावा किया है कि विवादास्पद छवि
उसने नहीं दी थी।
अयंगर ने कहा कि प्रशासन मुझ पर 'आतंकवाद' का समर्थन करने का आरोप लगाता है क्योंकि जिस संस्करण में मेरा लेख छपा है उसमें पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन के पोस्टर और हिंसक छवियां भी शामिल हैं। उनके वकील एरिक ली ने यह बयान X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है।
The decision against Prahlad Iyengar is a major blow to free speech everywhere. MIT's admin is so deeply connected to the war profiteers that it cannot tolerate pro-Palestinian speech. This sets tone for further attacks to speech coming under Trump. https://t.co/dZ4xsANb1Z
— Eric Lee (@EricLeeAtty) December 8, 2024
यह अयंगर का पहला निलंबन नहीं है। उसे पहले परिसर में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने की मनाही की गई थी। अपने हालिया निलंबन पर अयंगर ने MIT के कार्यों को 'असाधारण' और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया।
अयंगर के बयान में कहा गया कि मुझे निष्कासित करना और इस लेख के परिणामस्वरूप परिसर से 'लिखित क्रांति' पर प्रतिबंध लगाना पूरे छात्र निकाय और संकाय के अधिकारों पर एक अभूतपूर्व हमला होगा। MIT द्वारा स्थापित मिसाल पर विचार करें।
MIT की कार्रवाई के जवाब में रंगभेद के खिलाफ MIT गठबंधन ने अयंगर के समर्थन में विरोध प्रदर्शन और एक अभियान शुरू किया है। गठबंधन ने एक बयान में कहा कि प्रह्लाद अब अपने खिलाफ लगे अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों को कम करने के लिए चांसलर के समक्ष अपील कर रहे हैं। हम सभी संगठनों और अंतरात्मा की संस्थाओं से MIT के दमन के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हैं।
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