अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना में एक युवा डॉक्टर के साथ बर्बरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। इस कारण भारतीय प्रवासी समूह द्वारा स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक विश्वव्यापी आंदोलन शुरू हुआ। यह त्रासदी, जो अस्पताल के परिसर में घटी, इसने भारत में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा में गंभीर व्यवस्थित खामियों को सामने लाया।
भारतीय मूल के डॉक्टरों के एक समूह, 'फिजिशियन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन यूनाइटेड फॉर वेलबीइंग एंड सेफ्टी ऑफ हेल्थकेयर वर्कर्स' (PIUWSH) एक वॉट्सऐप ग्रुप के रूप में शुरू हुआ था। इसमें भारत में अपने समुदाय के गुस्से को साझा करने वाले असाधारण रूप से प्रेरित डॉक्टर थे। यह जल्द ही सिस्टेमैटिक सुधारों के लिए दबाव बनाने और सभी स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए वकालत करने वाली एक वैश्विक आवाज के रूप में उभरा। समूह ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ सहयोग किया और आरजी कर त्रासदी की जांच करने वाले राष्ट्रीय कार्य बल (NTF) में योगदान दिया।
PIUWSH के सुझाव अस्पताल की सुरक्षा में सुधार, ड्यूटी घंटों को नियमित करने और स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के लिए कानूनी सुरक्षा को बढ़ाने पर केंद्रित थे। PIUWSH के सदस्यों ने प्रमुख राजनीतिक नेताओं, जिनमें भारत के प्रधान मंत्री भी शामिल हैं, से उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान मुलाकात की, ताकि चिंताओं पर चर्चा की जा सके और अपने सुझाव पेश किए जा सकें।
समूह ने द न्यू यॉर्क टाइम्स, बीबीसी, और भारतीय न्यूज चैनल के साथ भी घनिष्ठ रूप से काम किया ताकि इस संकट के बारे में अंतरराष्ट्रीय जागरूकता बढ़ाई जा सके। सोशल मीडिया कैम्पेन और सार्वजनिक प्रदर्शनों के माध्यम से, जिनमें इंडिया डे परेड और ग्लोबल सिटीजंस फेस्टिवल में भागीदारी शामिल है। भारतीय प्रवासी ने भारत में जरूरी स्वास्थ्य सुधारों की जरूरत पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने में मदद की।
PIUWSH ने X और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल जानकारी फैलाने, भारत में विरोध प्रदर्शनों के अपडेट साझा करने और #JusticeForDoctors और #Workplacesafety जैसे हैशटैग के माध्यम से वैश्विक समर्थकों से जुड़ने के लिए किया। PIUWSH और उनके सहयोगियों ने अमेरिका और अन्य देशों में कई एकजुटता कार्यक्रमों, मोमबत्ती जलाने वाले सभाओं और प्रदर्शनों का आयोजन किया। उन्होंने सैकड़ों शहरों में सभाओं का समन्वय किया, जिनमें न्याय की मांग करने वाले और भारतीय अस्पतालों में सुरक्षा की वकालत करने वाले पोस्टर लगाए गए थे।
दरअसल, 9 अगस्त, 2024 को वारदात की शिकार हुई रेजिडेंट डॉक्टर रात देर तक काम कर रही थी जब उनके साथ बर्बरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। यह मामला आरजी कर मेडिकल कॉलेज जैसे सुरक्षित माने जाने वाले परिसर में हुआ। इस घटना से चिकित्सा समुदाय क्रोध और निराशा में फूट पड़ा। इसके बाद पश्चिम बंगाल और भारत भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों ने न्याय और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए अस्पताल की सुरक्षा उपायों में बदलाव की मांग की।
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