106 छात्रों को 2025 के लिए राष्ट्रीय STEM चैंपियन के रूप में नामित किया गया है, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है। खास बात ये है कि इनमें से कई भारतीय मूल के छात्रों ने भी STEM प्रोजेक्ट्स के लिए ये सम्मान हासिल किया है।
इन होनहार बच्चों को 19 से 22 मार्च तक वाशिंगटन डी.सी. में होने वाले नेशनल STEM फेस्टिवल में सम्मानित किया जाएगा। यहां ये अपने काम को आम लोगों के साथ-साथ बिजनेस और सरकारी नेताओं के सामने भी पेश करेंगे।
न्यू जर्सी के एडिसन से आने वाले ईशान कुंवर भी नेशनल STEM चैंपियन्स में से एक हैं। उन्होंने अपनी AI से चलने वाली मोबाइल ऐप CataSight से सबको इम्प्रेस किया है। ये ऐप आंखों की तस्वीरों से मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) का पता जल्दी ही लगा लेती है।
अन्य चैंपियन्स में हैं हर्षित गुडुरू, जो रिसर्च स्कॉलर हैं और साइंस में नई खोजों के लिए जुनून रखते हैं। स्निग्धा मोहनराज यूथ लीडरशिप काउंसिल की मेंबर हैं और STEM में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। रुद्र पटेल ने Noninvasive Neuroprosthetics शुरू किया है। इसके अलावा मितेक्षी घोष को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके काम के लिए पहचाना गया है।
इस लिस्ट में वल्लभ रामेश (लुइसविल), तनय पांजा (एन आर्बर), कृतिक अल्लूरी (मेडफोर्ड), दीप्तिश्री पारुचुरी (कोलंबस), अनीषा धूत, आदी देशमुख, कार्तिक अरुमुगम (मौल्डिन), आधि उमामेश्वरन, ऋतिषा डे (शोरवुड), और लक्ष्मी अग्रवाल (बेलेव्यू) जैसे कई और प्रतिभावान बच्चे भी शामिल हैं। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में कमाल का काम करके दिखाया है।
हर स्टूडेंट को उनके साथ किसी एक बड़े के साथ नेशनल STEM फेस्टिवल का पूरा खर्चा उठाकर भेजा जाएगा। वहां वो अपने प्रोजेक्ट्स को आम लोगों और बड़े बिजनेस और सरकारी अफसरों के सामने दिखा पाएंगे। इसके अलावा, हर नेशनल STEM चैंपियन को EXPLR के एजुकेशनल वीडियो और करिकुलम प्लेटफॉर्म की उनके किसी भी चुनिंदा टीचर के लिए फ्री एक्सेस मिलेगा।
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