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इस साल का प्रतिष्ठित बैरी पुरस्कार येल के भारतवंशी प्रोफेसर अखिल रीड अमर के नाम

संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ अमर येल कॉलेज और येल लॉ स्कूल दोनों में पढ़ाते हैं। उनके शोध का अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा व्यापक रूप से जिक्र किया जाता रहा है।

प्रोफेसर अखिल रीड अमर (दाएं से पांचवें) को अन्य 9 लोगों के साथ सम्मानित किया गया। / Image - American Academy of Sciences and Letters

येल के स्टर्लिंग प्रोफेसर ऑफ लॉ एंड पॉलिटिकल साइंस अखिल रीड अमर को अमेरिकन एकेडमी ऑफ साइंसेज एंड लेटर्स (एएएसएल) की तरफ से प्रतिष्ठित बैरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

1984 में येल से पढ़ाई करने वाले अमर इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले 10 लोगों में से एक हैं। इन लोगों को उनकी बौद्धिक उत्कृष्टता और साहस के लिए यह सम्मान दिया गया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन हाल ही में लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में किया गया था जिसका नेतृत्व कोलंबिया विश्वविद्यालय के अकादमी प्रेसिडेंट डोनाल्ड डब्ल्यू लैंड्री और प्रिंसटन विश्वविद्यालय के बोर्ड प्रेसिडेंट संजीव आर. कुलकर्णी ने किया था। 

बैरी पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों को हर साल प्रदान किया जाता है। यह ऐसे व्यक्तियों को सम्मानित करता है जिनके कार्यों ने मानवता की अच्छे, सच्चे और सुंदर की समझ में गहरा योगदान दिया है। अमर को संवैधानिक कानून में योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। 

अकादमी ने अमर की अकादमिक एवं कानूनी क्षेत्रों में उपलब्धियों की सराहना की है। अकादमी के तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अखिल रीड अमर ने सरकार की संवैधानिक प्रणाली के बारे में अमेरिकियों की समझ को बढाया है। असाधारण समझ और प्रबुद्धता ने उन्हें अब तक के सबसे ज्यादा साइटेशन हासिल करने वाले कानूनी विद्वानों में से एक का दर्जा दिया है और संवैधानिक कानून की सार्वजनिक समझ में अग्रणी योगदानकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

सांविधानिक कानून के विशेषज्ञ अमर येल कॉलेज और येल लॉ स्कूल दोनों में पढ़ाते हैं। उनके शोध कार्यों को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा व्यापक रूप से जिक्र किया जाता रहा है। उन्हें अमेरिकन बार एसोसिएशन और फेडरलिस्ट सोसाइटी जैसे संगठनों ने भी पुरस्कृत किया है।

अमर ने कई किताबें भी लिखी हैं जिनमें 'द बिल ऑफ राइट्स', 'अमेरिका का संविधान' और 'द वर्ड्स दैट मेड अस' शामिल हैं। वह अमेरिका का संविधान  नाम से वीकली पॉडकास्ट करते हैं, जिसमें संवैधानिक इतिहास और मौजूदा दौर में उसकी प्रासंगिकता की पड़ताल की जाती है।

भारतीय प्रवासियों के घर जन्मे अमर ने येल विश्वविद्यालय से इतिहास और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने येल लॉ स्कूल से ज्यूरिस डॉक्टर की उपाधि हासिल की। 

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