आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने पिछले कुछ समय से टेक्नोलोजी की दुनिया में धमाल मचा रखा है। इस तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाने में बड़ा योगदान ओपनएआई के चैटजीपीटी का माना जाता है। ओपनएआई ने अब जीपीटी-4o पेश किया है। इस लेटेस्ट मॉडल के पीछे एक भारतीय का दिमाग है, ये हैं प्रफुल्ल धारीवाल।
प्रफुल्ल धारीवाल ओपनएआई में रिसर्च साइंटिस्ट हैं। टेक्स्ट, वॉइस और विजन को इंटीग्रेट करने वाले मल्टीमॉडल एआई मॉडल जीपीटी-4o के विकास में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। सैन फ्रांसिस्को की टेक दुनिया में प्रफुल्ल एक सितारा बनकर उभरे हैं।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने भी इस क्रांतिकारी मॉडल को विकसित करने में अहम भूमिका के लिए प्रफुल्ल के हुनर की जमकर तारीफ की है।
GPT-4o would not have happened without the vision, talent, conviction, and determination of @prafdhar over a long period of time. that (along with the work of many others) led to what i hope will turn out to be a revolution in how we use computers. https://t.co/f3TdQT03b0
— Sam Altman (@sama) May 15, 2024
प्रफुल्ल मुख्य रूप से भारत के पुणे के रहने वाले हैं। एआई की दुनिया में धमाल मचाने वाले प्रफुल्ल ने पढ़ाई के दौरान ही अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उन्होंने 2009 में नेशनल टेलेंट सर्च स्कॉलरशिप के अलावा इंटरनेशनल एस्ट्रॉनोमी ओलंपियाड, इंटरनेशमल मैथ ओलंपियाड और फिजिक्स ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीते थे।
उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता पुणे के पी जोग जूनियर कॉलेज में जारी रही। वहीं से उन्हें स्कॉलरशिप पर प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में दाखिला मिल गया। एमआईटी में धारीवाल ने कंप्यूटर साइंस और गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की। साथ ही सेंटर फॉर ब्रेन, माइंड्स और मशीन्स में अंडर ग्रेजुएट रिसर्चर के रूप में अनुभव प्राप्त किया।
इस फाउंडेशन ने ओपनएआई में उनके महत्वपूर्ण योगदान का मार्ग प्रशस्त किया। प्रफुल्ल 2016 में रिसर्च इंटर्न के रूप में ओपनएआई में शामिल हुए थे। तब से लेकर प्रफुल्ल धारीवाल ने जीपीटी-3, डीएएलएल-ई 2 और ज्यूकबॉक्स सहित कई टॉप एआई मॉडल के निर्माण में अहम योगदान दिया है। 70 हजार से ज्यादा रिसर्च पेपर्स में उन्हें साइटेशन मिल चुका है।
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