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भारत के 'बाल हुनरबाज' अद्वय मिश्रा का कमाल, बी कॉम्पटीशन में रोशन किया नाम

नई दिल्ली में 8वीं क्लास के छात्र अद्वय मिश्रा पांच साल की उम्र में 2018 में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गए थे। हालांकि 2021 में वे भारत वापस लौट गए। उनका हुनर तभी से दिनोंदिन नई ऊंचाइयां छू रहा है।

अद्वय मिश्रा को जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक माना है। / Facebook/International Academic Championship

भारत की राजधानी नई दिल्ली के रहने वाले 11 वर्षीय छात्र अद्वय मिश्रा ने इंटरनेशनल अकैडमिक चैंपियनशिप में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरी हैं। नई दिल्ली के संस्कृति स्कूल में 8वीं क्लास के छात्र अद्वय ने साइंस एंड अकैडमिक बी कॉम्पटीशन में जीत हासिल की है। साथ ही, ज्योग्रफी बी कॉम्प्टीशन में दूसरे स्थान पर रहे हैं। 

थाईलैंड के खाओ लाक में 14 से 16 जून तक आयोजित इस इवेंट में 14 देशों के 30 शहरों के 300 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था। इसमें एशियाई चैम्पियनशिप खिताब के लिए काफी तगड़ा मुकाबला हुआ था।

अद्वय मिश्रा पांच साल की उम्र में 2018 में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गए थे। हालांकि 2021 में वे भारत वापस लौट गए। उनका हुनर तभी से दिनोंदिन नई ऊंचाइयां छू रहा है। वह लगातार तीन वर्षों तक एशियन साइंस बी चैंपियन होने का अनूठा गौरव रखते हैं। इसके अलावा लगातार दो बार अकैडमिक बी चैम्पियनशिप भी जीत चुके हैं।

2023 में अद्वय मिश्रा ने नेशनल अकैडमिक कॉम्प्टीशन में अखिल भारतीय विजेता के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इस दौरान उन्होंने सभी चार बी  कॉम्पटीशन -अकादमिक, विज्ञान, भूगोल और इतिहास को जीतने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। 

अद्वय का प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड अमेरिका तक फैला हुआ है, जहां 2020-21 में वह नेशनल साइंस बी चैम्पियनशिप में उपविजेता थे। मिश्रा अपनी सफलता का श्रेय मां को देते हैं। उनकी पसंदीदा गतिविधि पढ़ना और पायथन प्रोग्रामिंग है। 

उन्हें खान अकादमी वीडियो से गणित सीखने में मज़ा आता है, जिसने उन्हें सीटीवाई के ग्रेड-आधारित परीक्षण कार्यक्रमों की तैयारी में मदद की है। उन्हें घूमना फिरना और विभिन्न जगहों के भूगोल की जानकारी लेना भी पसंद है। 

अद्वय मिश्रा को जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली छात्रों में से एक के रूप में मान्यता दे रखी है। इसके अलावा उनके प्रोजेक्ट 'मूडमीटर' को न्यूयॉर्क सिटी के शिक्षा विभाग ने सभी ग्रेडों में बेस्ट स्कूल प्रोजेक्ट में से एक के रूप में सम्मानित किया था। उन्होंने यह कोरोना महामारी के दौरान साथियों के मेंटल हेल्थ सपोर्ट के लिए डिज़ाइन किया था। 


 

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