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भारतीय स्टार्टअप्स यानी अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए सोने की खान...

भास्कर मजूमदार कहते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसका श्रेय आंशिक रूप से भारत के जीवंत स्टार्टअप ईकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) को जाता है और इसका भविष्य आशाजनक है।

UIV के मैनेजिंग पार्टनर भास्कर मजूमदार / Image : X@UnicornIndia
  • भास्कर मजूमदार

यह दशक भारत का है। आने वाले वर्ष भारतीय निवेश के लिहाज से माकूल हैं और सुर्खियों की वजह से अब यह कोई रहस्य नहीं रह गया है। देश बढ़ रहे हैं और उनकी अर्थव्यवस्थाएं भी। ऐसे में सही जगह पर निवेश करना ही आगे बढ़ने का रास्ता है। उदाहरण के लिए भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इसका श्रेय आंशिक रूप से भारत के जीवंत स्टार्टअप ईकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) को जाता है और इसका भविष्य आशाजनक है।

भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप नेटवर्क है जो इसे पूंजी निवेश के लिए आदर्श स्थान बनाता है। यहां तक ​​कि बीत रहे सीजन की फंडिंग और तकनीकी उद्योग में मंदी के बावजूद भारतीय स्टार्टअप ने दृढ़ विश्वास के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया है क्योंकि उसने व्यवसायों को आगे बढ़ाया है। भारत ने अतिरिक्त खर्चों में कटौती की है और इकाई अर्थशास्त्र पर ध्यान केंद्रित किया है। कई स्टार्टअप्स ने अपने उद्यमों को लाभदायक कंपनियों में बदल दिया है। इस कारण कुछ सबसे बड़े वैश्विक निवेशक भारतीय व्यवसाय में लगातार पूंजी निवेश कर रहे हैं। 

मुंबई और लंदन स्थित शुरुआती चरण का फंड हाउस यूनिकॉर्न इंडिया वेंचर्स (UIV) वर्ष 2015 से भारतीय स्टार्टअप ईकोसिस्टम के विकास में अग्रिम पंक्ति में है। अपने पोर्टफोलियो में 3 फंड, एक यूनिकॉर्न और कई अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टार्टअप्स के साथ यूनिकॉर्न भारत में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शुरुआती चरण के फंडों में से एक के रूप में उभरा है।।  

भारत में वीसी फंड्स के प्रदर्शन पर स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) की भारत की सहायक कंपनी क्रिसिल की तिमाही रिपोर्ट में यूनिकॉर्न को सभी मापदंडों पर अपने विंटेज में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला फंड माना गया है। फंड ने आठ साल की अवधि में निवेशकों को लगभग 3 गुना पूंजी लौटाई है और अभी भी अच्छी-खासी संपत्ति शेष है।

UIV के मैनेजिंग पार्टनर भास्कर मजूमदार कहते हैं कि भारत में विकास के अवसरों का लाभ उठाने के इच्छुक विदेशी निवेशकों के पास निवेश के दो प्राथमिक तरीके हैं। सार्वजनिक और निजी निवेश। सूचीबद्ध बाजारों में सार्वजनिक निवेश म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। आज भारत हर साल 12 अरब पाउंड की विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी आकर्षित करता है। लेकिन व्यापक पहुंच का अवसर स्टार्ट-अप निवेश सहित निजी निवेश की उच्च वृद्धि में निहित है।

बकौल मजूमदार UIV फिनटेक, हेल्थ टेक, सास, रोबोटिक्स, फूड टेक और अन्य क्षेत्रों में निवेश के साथ एक अत्यधिक प्रतिष्ठित प्रारंभिक चरण का फंड हाउस है। हालांकि अन्य उद्यम पूंजी और निवेश मंच बेंगलुरू, दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों के स्टार्टअप में निवेश करना पसंद करते हैं। मगर UIV टीम इन प्रमुख शहरों से खुद को अलग करती है। हमारी टीम पूरे देश के टियर 2 और टियर 3 शहरों के बीच पहुंच रही है। यह एक चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।
 

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