भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्य शिवलिंगम को अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी कैंपस के भीतर अनधिकृत तौर पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन में भाग लेने के लिए गिरफ्तार किया गया है। अनुशासनात्मक प्रक्रिया लंबित रहने तक उन पर परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालयों में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच यह मामला सामने आया है।
प्रिंसटन एलुमनाई वीकली ने प्रदर्शन के आयोजकों के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए बताया कि भारत में तमिलनाडु के कोयंबटूर में जन्मी और ओहियो के कोलंबस में पली-बढ़ी शिवलिंगम को एक अन्य साथी छात्र हसन सैयद के साथ गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। प्रिंसटन एलुमनी वीकली की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद गुरुवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के मैककोश कोर्टयार्ड में टेंट लगा दिए थे।
इसके बाद कुछ ही मिनटों में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन जारी रखते हुए अपने टेंट पैक कर दिए। प्रदर्शन की शुरुआत में लगभग 110 लोगों की भीड़ देखी गई थी, लेकिन गुरुवार दोपहर तक यह बढ़कर लगभग 300 हो गई।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की प्रवक्ता जेनिफर मोरिल ने गुरुवार को इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा विभाग की ओर से बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद दो स्नातक स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि आरोपियों को अनुशासनात्मक प्रक्रिया लंबित होने तक परिसर में प्रवेश पर तुरंत रोक दिया गया है। बाद में प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शन स्थल पर बनाए गए तंबू स्वेच्छा से हटा दिए गए थे।
जेनिफर मोरिल का कहना है कि गिरफ्तारी करते समय सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कोई बल प्रयोग नहीं किया गया था। विरोध स्थल पर प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में इतिहास के एक एसोसिएट प्रोफेसर मैक्स वीस ने कहा कि प्रिंसटन छात्रों की एकजुटता, प्रतिभा और निडरता बनी रहे। उन्होंने फिलिस्तीन के लिए खुद को दांव पर लगा दिया।
गुरुवार का विरोध प्रदर्शन प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कैंपस समूहों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों की एक कड़ी थी। इसमें फिलिस्तीन समर्थक प्रिंसटन स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन (SJP), प्रिंसटन फिलिस्तीन लिबरेशन गठबंधन और पीआईएडी शामिल थे।
परिसर में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों को लेकर छात्रों को एक ईमेल भेजा गया है। प्रिंसटन विश्वविद्यालय में कैंपस लाइफ के उपाध्यक्ष रोशेल कैलहौन ने इसमें लिखा है कि प्रदर्शनों में इमारतों तक पहुंच कर कब्जा करना या अवरुद्ध करना, बाहरी अतिक्रमण स्थापित करना शामिल था। उनका कहना है कि अतिक्रमण, अन्य गैरकानूनी विघटनकारी गतिविधियों में शामिल कोई भी व्यक्ति जो चेतावनी के बाद भी रुकने से इनकार करता है, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा और तुरंत परिसर से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। छात्रों के लिए परिसर से इस तरह का आचरण से उनका करियर खतरे में पड़ सकता है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login