अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्देश्य से विदेश मंत्रालय ने एक्सचेंज विजटर्स स्किल्स लिस्ट में महत्वपूर्ण अपडेट की घोषणा की है। ये बदलाव 9 दिसंबर से लागू हो गए हैं।
इस कवायद से वीजा प्रक्रियाओं को आसान बनाने और अमेरिका में बिजनेस एवं इनोवेशन में योग्य विदेशी पेशेवरों की विशेषज्ञता का फायदा उठाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
नए बदलावों से ऐसे रिसर्च स्कॉलर्स और अत्यधिक कुशल पेशेवरों सहित कई एक्सचेंज विजिटर्स को उनके संबंधित प्रोग्राम पूरा होने पर दो साल तक अपने देश में रहने के नियम से छूट मिल सकेगी।
इस घोषणा से पहले उप विदेश राज्य मंत्री (मैनेजमेंट एंड रिसोर्सेज) रिचर्ड वर्मा ने उद्योग जगत और उच्च शिक्षा क्षेत्र के लीडर्स से मुलाकात करके इन अपडेट्स पर और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी प्रतिभाओं के महत्व पर चर्चा की थी।
इस महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव से जे-1 वीजा पर आए भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में रह सकेंगे। इससे पहले, भारत सहित नामित देशों के जे-1 वीजा धारकों को अमेरिका में अपने प्रोग्राम पूरा करने के बाद दो साल के लिए अपने देश लौटना होता था। अब सिर्फ 27 देशों के नागरिकों पर ही ये आदेश लागू होगा।
इस लिस्ट में विदेशी नागरिकों के ऐसे क्षेत्र शामिल है, जिनमें महत्वपूर्ण ज्ञान एवं कौशल की आवश्यकता होती है। इसमें 2009 के बाद पहली बार बदलाव किया गया है। इससे टेक्नोलोजी, हेल्थकेयर और कृषि जैसे क्षेत्रों में विदेशी पेशेवरों और शोधकर्ताओं के लिए वीजा प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो सकेगी।
यह घोषणा ऐसे समय की गई है, जब सरकार का जोर अमेरिकी सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर है। इन नीतिगत परिवर्तनों से अमेरिकी कंपनियों को अमेरिका में प्रशिक्षित उच्च स्तरीय प्रतिभाओं को अपने साथ बनाए रखने में मदद मिलेगी जिससे देश में समृद्धि और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
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