ब्रिटेन में ग्रेजुएट रूट वीजा योजना पर छाए आशंकाओं के बादलों के बीच भारतीय छात्रों और पूर्व छात्रों की संस्था नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनाई यूनियन यूके (NISAU UK) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से गुहार लगाई है।
संगठन ने ब्रिटिश पीएम से अनुरोध किया कि ग्रेजुएट रूट वीजा में कोई बदलाव न किया जाए। ऐसा किया गया तो अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच यूके का आकर्षण कम हो सकता है। छात्रों ने प्रवासन सलाहकार समिति (मैक) की हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि ग्रेजुएट रूट वीजा के दुरुपयोग का कोई सबूत नहीं है और इसे मौजूदा स्वरूप में ही बरकरार रखा जाना चाहिए।
It is absolutely clear the Graduate route is vital for our universities, international students & UK prosperity. @NISAU_UK requests PM @RishiSunak to make the right decision – keep it unchanged to ensure the UK remains a top destination for global talent.
— Sanam Arora (@arora_sanam) May 21, 2024
Our letter to the PM pic.twitter.com/XL0VnioA4G
ब्रिटेन में जनवरी 2025 में होने वाले संसदीय चुनाव के लिए इमिग्रेशन एक प्रमुख मुद्दा बन रहा है। ब्रिटेन सरकार की तरफ से ग्रेजुएट रूट वीजा की समीक्षा से अंतरराष्ट्रीय छात्रों में घबराहट है। वीजा प्रोग्राम की अनिश्चितता के कारण ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालयों ने आवेदन रोक दिए हैं।
गौरतलब है कि ग्रेजुएट रूट वीजा की भारतीय छात्रों में काफी मांग है। जुलाई 2021 में शुरू किया गया ये वीजा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान दो साल और पीएचडी के दौरान तीन साल तक यूके में रहने और काम करने की अनुमति देता है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारतीयों के बीच लोकप्रिय ग्रेजुएट रूट वीजा स्कीम को संशोधित करने पर विचार कर रहे हैं ताकि ये वीजा सिर्फ सबसे बेहतर और प्रतिभाशाली छात्रों को ही मिल सके। हालांकि ब्रिटिश सरकार की ही एक रिपोर्ट कहती है कि इस प्रोग्राम से ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों को वित्तीय घाटे से उबरने और अनुसंधान कार्य बढ़ाने में काफी मदद मिलती है।
प्रवासन सलाहकार समिति (एमएसी) ने हाल ही में ग्रेजुएट रूट वीजा को लेकर व्यापक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें बताया गया था कि ग्रेजुएट रूट के 75 फीसदी वीजा भारत, नाइजीरिया, चीन और पाकिस्तान समेत पांच देशों के छात्र ले जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत को मिलता है। 2023 में मुख्य आवेदकों को 114,000 ग्रेजुएट रूट वीजा दिए गए थे। आश्रितों को 30,000 वीजा अलग से मिले थे।
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